पंजाब निकाय चुनाव: निगमों और परिषदों के चुनाव की 25 से पहले जारी होगी अधिसूचना

पंजाब की 42 म्युनिसिपल काउंसिल का कार्यकाल कई महीनों पहले ही खत्म हो चुका है। कई का तो कार्यकाल खत्म हुए दो साल से ज्यादा का समय हो चुका है, जिसके कारण यहां के सभी विकास कार्य रुके हैं।

नगर निगमों और परिषदों के चुनाव की अधिसूचना 15 दिन के भीतर जारी करने के 14 अक्तूबर के आदेश का पालन न होने को लेकर दाखिल अवमानना याचिका पर पंजाब सरकार ने जवाब दिया है। सरकार ने बताया है कि चुनाव की अधिसूचना 25 नवंबर से पहले कर दी जाएगी। इस जानकारी को आधार बनाते हुए हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट पंजाब सरकार को दो सप्ताह के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी करने का आदेश दे चुका है।

मालेरकोटला निवासी बेअंत सिंह ने दायर जनहित याचिका में हाईकोर्ट को बताया था कि पंजाब की 42 म्युनिसिपल काउंसिल का कार्यकाल कई महीनों पहले ही खत्म हो चुका है। कई का तो कार्यकाल खत्म हुए दो साल से ज्यादा का समय हो चुका है, जिसके कारण यहां के सभी विकास कार्य रुके हैं। याचिका के अनुसार राज्य की अधिकतर म्युनिसिपल काउंसिल का कार्यकाल दिसंबर 2022 में खत्म चुका है, लेकिन अभी तक चुनाव नहीं कराए गए।

कोर्ट को बताया गया कि 1 अगस्त, 2023 को स्थानीय निकाय विभाग ने म्युनिसिपल काउंसिल के चुनाव करवाने के लिए अधिसूचना जारी की थी जो 1 नवंबर 2023 को आयोजित करने थे, लेकिन आज तक चुनाव नहीं करवाए गए। याचिका के अनुसार उसने सरकार को यह चुनाव करवाने के लिए 5 जुलाई को एक कानूनी नोटिस भेजा था, लेकिन सरकार से उसको अभी तक कोई जवाब नहीं मिला, इसलिए अब उसे मजबूरी में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सरकार को चुनाव करवाने के निर्देश देने की मांग की है। उसके मुताबिक संविधान के अनुसार म्युनिसिपल काउंसिल के चुनाव उसकी अवधि खत्म होने से पहले करने जरूरी होते हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया।

एक अन्य याचिका में कोर्ट को यह भी बताया गया कि अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला और फगवाड़ा नगर निगम के चुनाव भी सरकार ने नहीं कराए हैं। हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए 15 दिन के भीतर चुनाव की नोटिफिकेशन जारी करने का आदेश दिया था। आदेश का पालन न होने पर अब अवमानना याचिका दाखिल की गई थी, इस मामले में सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कोई राहत नहीं दी थी और दो सप्ताह में चुनाव की अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया था।

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