पंजाब सरकार के साथ मीटिंग के बाद किसानों का बड़ा ऐलान
किसान मजदूर मोर्चा (भारत) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की आज पंजाब सरकार द्वारा खाद्य आपूर्ति मंत्री कटरूचक्क और गुरमीत सिंह खुड्डियां के साथ फगवाड़ा में बैठक की गई। इस मौके पर सीनियर नेता सरवण सिंह पंधेर और मनजीत सिंह राय ने जानकारी देते हुए कहा कि धान की फसल की खरीद का संकट बना हुआ है, जिसके चलते दोनों फोरम संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संगठनों द्वारा मजबूती से मुद्दे उठाने पर सरकार ने माना कि मंडियों में नमी की शर्त पूरी करने पर भी घटते रेट पर बिकने वाली फसल के रेट पर मंडी में लगाए गए नाजायज कट का पूरा किया जाएगा और ऐसा न होने की स्थिति में आढ़तियों पर कार्रवाई की जाएगी।
चीफ मंडी बोर्ड ने कहा कि 140 लाख मीट्रिक टन धान के लिए 3850 शेलरों के साथ समझौते किए गए हैं, जिनमें से 2900 सक्रिय हैं। नेताओं ने इस पर मांग की कि समझौते को अखबार में प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सार्वजनिक किया जाए, जिस पर सरकार ने सहमति जताई। सरकार ने बताया कि 40 लाख मीट्रिक टन के लिए आरओ का प्रबंधन किया जा रहा है। किसान नेताओं ने मांग की कि आज की तारीख तक 19 लाख मीट्रिक टन की उठाई गई है, जबकि किसान नेताओं ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार 49 लाख टन धान मंडियों में आ चुका है, यानी 30 लाख टन धान मंडियों में पड़ा है, जिसके कारण मंडियां बंद हो गई हैं।
नेताओं ने कहा कि गेहूं की बुआई के लिए डीएपी की कमी को पूरा करने के लिए तैयारी की जाए, जिस पर सरकार ने कहा कि सहकारी समितियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि कोई भी सामान्य किसान अपना आधार कार्ड दिखाकर नकद डी.ए.पी. ले सकता है। इसके बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन और 1-2 दिनों में हालात सुधारने के आश्वासन देने के बाद संगठनों द्वारा रोड जाम खोलने का फैसला किया गया है, लेकिन रोड साइड पर बैठकर सांकेतिक धरना जारी रहेगा। अगर आने वाले दिनों में हालात नहीं सुधरे तो फिर से तीखे एक्शन लिए जाएंगे।
इस मौके पर दिलबाग सिंह हरिगढ़, गुरिंदर सिंह भंगू, सविंद्र सिंह, जसबीर सिंह सिद्धूपुर, सतनाम सिंह बहिरू, सतनाम सिंह साहनी, सुखजिंदर सिंह खोसा, हरप्रीत सिंह सिद्धवां, सुखजीत सिंह हरदोझंडे, जर्मनजीत सिंह बंडाला, हरसुलिंदर सिंह ढिल्लो, सुरजीत सिंह फूल, बलदेव सिंह जीरा, बलवंत सिंह बहिरामके, रणजीत सिंह कलेर बाला, सुखपाल सिंह व अन्य मौजूद रहे।