अब महज चार घंटे में तय होगी करीब 6 हजार किमी की दूरी, किराया भी होगा पहले से कम
जल्द ही लगभग छह हजार किमी की तीन से चार घंटे में पूरी हो जाया करेगी। इसको लेकर नासा के अलावा बूम सुपरसोनिक कंपनी भी लगातार इस तरफ काम कर रही है। नासा की बात करें तो उसने एक सुपरसोनिक विमान बनाया है जो 940 मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। इसका सीधा सा अर्थ है कि लदंन से न्यूयॉर्क की दूरी महज चार घंटे में पूरी कर ली जाएगी। इस दूरी को तय करने में फिलहाल आठ घंटे का समय लगता है। नासा ने जो विमान तैयार किया है उसका नाम क्वाइट (quiet) है। चालीस सीटों के इस विमान में सफर करने के लिए भविष्य के यात्रियों को £5,774 खर्च करने होंगे। भारतीय मुद्रा में यदि बात करें तो इस दूरी को तय करने के लिए 533348 रुपये चुकाने होंगे।
कॉनकॉर्ड से भी सस्ता होगा सफर
हालांकि कॉनकॉर्ड में सफर करने वाले यात्रियों को इस दूरी के लिए दस हजार पाउंड या 923706.90 रुपये चुकाने पड़ते थे। इस लिहाज से नासा के नए विमान से यह दूरी कुछ सस्ती दरों पर पूरी हो सकेगी। कॉनकॉर्ड विमान की शुरुआत 4 मार्च 1969 को हुई थी। इस विमान का निर्माण एयरोस्पेशियल और ब्रिटेन की कंपनी बीएसी ने किया था। 26 नवंबर 2003 को इस विमान ने आखिरी बार उड़ान भरी थी। इस विमान की सबसे बड़ी खासियत इसकी सुपरसोनिक स्पीड थी, जिसकी वजह से यह लंदन से न्यूयॉर्क के बीच की दूरी करीब चार घंटे में पूरी कर लेता था। इसके पूरे कार्यकाल में केवल एक ही बार यह विमान दुर्घटना का शिकार हुआ था। 25 जुलाई 2000 को एयर फ्रांस का का एक विमान न्यूयॉर्क जाते समय दुर्घटना काशिकार हो गया था जिसमें 113 लोगों की मौत हो गई थी।
बूम सुपरसोनिक
नासा के इस विमान के अलावा कंपनी बूम सुपरसोनिक जिस नए मैक 2.2 विमान पर काम कर रही है उसको उसने Overture का नाम दिया है। कंपनी ने इसी वर्ष जनवरी में इसकी घोषणा की थी। कंपनी को उम्मीद है कि यह विमान इस वर्ष के अंत तक उड़ान भरने लगेगा। कंपनी ने इसके हाफ साइज प्रोटोटाइप को XB-1 का नाम दिया है। इस विमान पर करीब 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किए जा रहे हैं।
एक नजर में तुलना
क्वाइट (quiet) से यदि इस विमान की तुलना की जाए तो Overture में इससे कहीं अधिक 55 यात्री सफर कर सकेंगे। यह विमान एक बार में 8336.4 किलोमीटर तक उड़ सकने में सक्षम होगा और लंदन से न्यूयॉर्क की दूरी महज तीन घंटे पचास मिनट में पूरी कर लेगा। इस प्रोजेक्ट में स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने भी निवेश किया है। कंपनी का यहां तक कहना है कि इस विमान में सफर करने वालों को आम विमान के बिजनेस क्लास के बराबर ही खर्च करना होगा। इस विमान में तीन इंजन होंगे और यह दूसरे सुपरसोनिक विमानों की तुलना में 30 फीसद कम आवाज करने वाला विमान होगा।
X-59 का नाम दिया
नासा जो सुपरसोनिक बूम विमान तैयार कर रहा है उसको उसने X-59 का नाम दिया है। आपको बता दें कि जब कोई विमान साउंड बेरियर को पार करता है तो इसको बूम कहा जाता है। कॉनकॉर्ड की ही बात करें तो 1,354 मीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ान भरता था। दूसरे विमानों की बात करें तो यह करीब 600 मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरते हैं। X-59 को डिजाइन करते हुए वैज्ञानिकों ने इस बात का ध्यान रखा है कि सुपरसोनिक स्पीड पर उड़ान भरते समय इससे होने वाली आवाज कम से कम हो।
बेहतर डिजाइन
इसे देखते हुए वैज्ञानिकों ने इसके आगे के हिस्से को कुछ अलग तरह से डिजाइन किया है। यह हिस्सा काफी लंबा और पतला है, जो इसके शोर को काफी कम देता है और इसकी स्पीड को बरकरार रखने में सहायक होता है। इस विमान का कॉकपिट भी दूसरे विमानों से अलग होगा। इसके कॉकपिट में External Visibility System (XVS) लगा होगा जो पायलट को हर जरूरी जानकारी उपलब्ध कराता रहेगा। इसके अलावा विमान में बाहर की तरफ 3डी कैमरे लगे होंगे। इसकी डेवलेपमेंट परफोर्मेंस को लेकर नासा के लॉ बूम फ्लाइट डेमोंस्ट्रेटर प्रोजेक्ट मैनेजर (Low Boom Flight Demonstrator project manager) क्रेग निकॉल काफी खुश हैं। इसका टेस्ट टेक्सास में F/A-18 Hornet विमान के साथ किया गया है। इस विमान के 2021 तक पहली उड़ान भरने की संभावना है।