क्या हर किसी के लिए सेफ है ‘टेस्टोस्टेरोन थेरेपी’?

अगर आपको हर समय थकान महसूस होती है या आपकी सेक्स ड्राइव और मांसपेशियों की ताकत घट रही है, तो आप अकेले नहीं हैं। बता दें, पुरुष अक्सर इन बदलावों को उम्र का सामान्य संकेत मान लेते हैं।
लेकिन आज, ‘खोई हुई जवानी को वापस पाने का जादुई रास्ता’ बनकर टेस्टोस्टेरोन थेरेपी सामने आई है। जी हां, यह उन पुरुषों के लिए राहत का जरिया बन सकती सकती है, जिनमें हार्मोन का स्तर वास्तव में बहुत कम है। यह थेरेपी एनर्जी, मूड और सेक्शुअल हेल्थ को नई रफ्तार दे सकती है। हालांकि, हर चमकती चीज सोना नहीं होती। इसलिए, इस ट्रीटमेंट के कई साइड इफेक्ट्स भी हैं जिन पर ध्यान देना जरूरी है। आइए, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुरनजीत चटर्जी से इसके फायदे और नुकसानों को बिना किसी कन्फ्यूजन के समझते हैं।
टेस्टोस्टेरोन थेरेपी क्यों ली जाती है?
टेस्टोस्टेरोन एक महत्वपूर्ण हार्मोन है, जो एनर्जी, सेक्शुअल हेल्थ, मांसपेशियों की ताकत और मानसिक संतुलन जैसे कई पहलुओं को प्रभावित करता है। जब इसका लेवल कम हो जाता है, तो शरीर कई तरह के संकेत देने लगता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर टेस्टोस्टेरोन थेरेपी एक ऑप्शन हो सकता है।
टेस्टोस्टेरोन थेरेपी के फायदे
थकान में कमी और एनर्जी में बढ़ोतरी
हार्मोन की कमी से अक्सर लगातार थकान, सुस्ती और एनर्जी की कमी महसूस होती है। थेरेपी से एनर्जी लेवल बेहतर होता है और दिनभर सक्रियता बढ़ती है।
बेहतर सेक्शुअल हेल्थ
टेस्टोस्टेरोन पुरुषों की सेक्स ड्राइव, उत्तेजना और संपूर्ण यौन संतुष्टि में अहम भूमिका निभाता है। इस ट्रीटमेंट से कामेच्छा में सुधार होता है और कई पुरुष पहले की तुलना में बेहतर यौन अनुभव महसूस करते हैं।
मूड और मेंटल हेल्थ में सुधार
कम टेस्टोस्टेरोन अक्सर चिड़चिड़ापन, उदासी या मानसिक धुंधलेपन का कारण बनता है। थेरेपी से मूड स्थिर होता है, ध्यान बेहतर होता है और मानसिक स्पष्टता बढ़ती है।
मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूती
यह हार्मोन शरीर में मांसपेशियों को मजबूत बनाने और बोन डेंसिटी बनाए रखने में मदद करता है। रेगुलर ट्रीटमेंट से शरीर में मांसपेशियों की परिभाषा बेहतर होती है और उम्र बढ़ने पर हड्डियों से जुड़ी समस्याओं का जोखिम कम हो सकता है।
टेस्टोस्टेरोन थेरेपी के नुकसान
हर ट्रीटमेंट के साथ कुछ न कुछ खतरे भी जुड़े होते हैं। टेस्टोस्टेरोन थेरीपी भी इससे अलग नहीं है।
ब्लड वेसल्स से जुड़ा जोखिम
कुछ शोध बताते हैं कि यह थेरेपी खासकर बुजुर्ग पुरुषों या पहले से दिल की बीमारी वाले व्यक्तियों में दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती है।
स्किन पर साइड इफेक्ट्स
हार्मोन बढ़ने से पिंपल, स्किन का ऑयली होना और हेयर फॉल जैसी समस्याएं दिखाई दे सकती हैं।
स्लीप एपनिया का बढ़ना
जिन व्यक्तियों में पहले से स्लीप एपनिया है, उनमें यह समस्या और गंभीर हो सकती है।
प्रजनन क्षमता पर प्रभाव
टेस्टोस्टेरोन लेने से शरीर अपने प्राकृतिक हार्मोन बनाना धीमा कर देता है, जिससे स्पर्म काउंट कम हो सकता है और यह प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
प्रोस्टेट से जुड़ी चिंताएं
हालांकिस टेस्टोस्टेरोन सीधे तौर पर प्रोस्टेट कैंसर का कारण नहीं है, लेकिन यह पहले से मौजूद कैंसर सेल्स की एक्टिविटी बढ़ा सकता है या बढ़े हुए प्रोस्टेट के लक्षणों को गंभीर कर सकता है।
क्या यह थेरेपी आपके लिए सही है?
टेस्टोस्टेरोन थेरेपी कई लोगों की जीवन-गुणवत्ता में बड़ा सुधार ला सकती है, लेकिन इसे शुरू करना एक बड़ा और सोच-समझकर लिया गया कदम होना चाहिए।
डॉक्टर की सलाह से विस्तृत जांच करवाएं
हार्मोन, दिल और प्रोस्टेट की नियमित निगरानी जरूरी है।
विशेषज्ञ एंडोक्राइनोलॉजिस्ट या यूरोलॉजिस्ट से लगातार संपर्क में रहें।
सही निगरानी और सावधानी के साथ यह ट्रीटमेंट कई पुरुषों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, लेकिन हर स्थिति अलग होती है, इसलिए फैसला हमेशा विशेषज्ञ की सलाह से ही लें।



