जानिए भगवान शिव ने क्यों दिया था मां पार्वती को मछुआरिन बनने का श्राप

भगवान शिव ने एक बार माता पार्वती को भी शाम दे दिया था। जिसके कारण उन्हें एक मछुआरे के घर में जन्म लेना पड़ा था। जानिए आखिर ऐसा किया हुआ था कि भगवान शिव ने रुष्ट होकर दिया ऐसा शाप।

मां पार्वती और भगवान शिव संबंधित अधिकतर लोगों कई कथाएं सुनी होगी। मां पार्वती की कठोर तपस्या से लेकर श्री गणेश जी की जन्म तक। लेकिन एक ऐसी कथा भी है जिसमें मां पार्वती को खुद भगवान शिव से ही क्रोध के चलते शाप दे दिया था। जिसके कारण उन्हें प्रथ्वी लोक में एक मछुआहे के घर में अपना जीवन बीताना पड़ेगा। जानिए इस पौराणिक कथा के बारे में।

एक बार भगवान शिव मां पार्वती को सृष्टि के बारे में बता रहे थे। मां पार्वती भी उन्हें ध्यानमग्न होकर सुन रही थीं। मां पार्वती सृष्टि के रहस्यों को सुनते समय कहीं खो सी गई थीं।

सृष्टि के ज्ञान को सुनने के साथ-साथ मां पार्वती का ध्यान कल्पना की दुनिया में जाने लगा। इस स्थिति में मां पार्वती कुछ विचारों में खोई हुई सी लग रही थीं। ऐसे में भगवान ने रोककर पार्वती से पूछा कि देवी आप मुझे सुन तो रही हैं न? आपका ध्यान कहां है? लेकिन मां पार्वती अपने विचारों में खोई हुई थीं और उन्होंने भगवान शिव को उनके सवाल का कोई जवाब नहीं दिया। फिर मां पार्वती सामान्य हो गई और बोली हे प्रभु।

ज्योतिषी पंडित जगन्नाथ गुरुजी बताते हैं कि इसके तुरंत बाद ही भगवान शिव ने पार्वती से कहा कि आपने ब्रह्मज्ञान की अवहेलना की है। वे कहते हैं कि शिक्षित होने के नाते आपका ध्यान भंग नहीं होना चाहिए था। अशिक्षित होने पर ही आपको इसका मूल्य पता चलेगा। इसके बाद भगवान शिव तुरंत मां पार्वती को शाप देते हुए कहते हैं कि आपका जन्म मछुआरों के अशिक्षित परिवार में ही हो।

कुछ समय बाद ही भगवान शिव का शाप मां पार्वती को लग गया। दरअसल, किसी कारणवश मां पार्वती को मछुआरों के गांव में जाना पड़ा। गांव के मुखिया का कोई संतान नहीं था। एक दिन वह मछली पकड़ने जा रहा था, तो उसमें पेड़ के नीचे एक बच्ची को बैठा हुआ देखा। इसके बाद मुखिया ने मां पार्वती के माता-पिता को बहुत ढूंढा। इसके बाद मुखिया ने आकाश की तरफ हाथ जोड़ते हुए कहा कि हे प्रभु आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। आपने आशीर्वाद रूप में मुझे यह बच्ची दी है। मैं इसका पालन पोषण पिता की भांति करूंगा। यह कहकर वह मां पार्वती को लेकर चला गया। इस तरह से वह मछुआरिन बनी। मां पार्वती भगवान शिव के शाप के बाद एक मछुआरिन बनी थी।

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