दीपिका पादुकोण ने 8 घंटे शिफ्ट डिमांड पर तोड़ी चुप्पी

कुछ महीनों से फिल्म इंडस्ट्री में 8 घंटे शिफ्ट पर डिबेट चल रहा है जिसकी शुरुआत दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) ने की है। अब उन्होंने इस बहस को जस्टिफाई किया है और ओवरवर्क पर अपनी राय रखी है।

फिल्म इंडस्ट्री में काम कोई समय नहीं होता है। कभी-कभी सितारों को एक फिल्म शूट करने के लिए 12-13 घंटे देने पड़ते हैं या फिर उससे भी ज्यादा। मगर इस वक्त इंडस्ट्री में 8 घंटे शिफ्ट पर डिबेट चल रही है जिसकी शुरुआत दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) ने की है।

मां बनने के बाद दीपिका पादुकोण ने 8 घंटे शिफ्ट की मांग की जिसके बाद उन्हें संदीप रेड्डी वांगा निर्देशित स्पिरिट और नाग अश्विन की कल्कि 2898 एडी से बाहर कर दिया गया। अब उन्होंने अपनी 8 घंटे शिफ्ट डिमांड को जस्टिफाई किया है।

वर्किंग मदर्स को किया जाना चाहिए सपोर्ट

दीपिका पादुकोण का कहना है कि मां बनने के बाद काम और मदरहुड के बीच बैलेंस कैसे करें, इसकी प्लानिंग करनी पड़ती है। हार्पर बाजार के साथ बातचीत में एक्ट्रेस ने कहा-

हर घिसी-पिटी बात सच है। जब मांएं कहती हैं, ‘जब तुम मां बनोगी, तब समझोगी,’ तो यह सच है। अब मैं अपनी मां का बहुत सम्मान करती हूं। आप काम और मदरहुड को कैसे संभालेंगी, इसकी प्लानिंग बना सकती हैं, लेकिन हकीकत बहुत अलग है। मुझे लगता है कि नई मांओं को काम पर लौटने पर सपोर्ट किया जाना चाहिए। मैं इसी पर ध्यान देती हूं।

ओवरवर्क पर दीपिका पादुकोण का निकला गुस्सा

दीपिका पादुकोण का कहना है कि लोगों ने आज के समय में ओवरवर्क को बहुत नॉर्मलाइज कर दिया है। उन्होंने सफाई दी कि इंसान के लिए 8 घंटे काम करना उनके हेल्थ के लिए सबसे सही है। बकौल एक्ट्रेस-

हमने जरूरत से ज्यादा काम करना नॉर्मलाइज कर दिया है। हम बर्नआउट को कमिटमेंट समझने की भूल कर बैठते हैं। इंसान के शरीर और दिमाग के लिए दिन में आठ घंटे काम करना काफी है। जब आप हेल्दी होते हैं तभी आप अपना बेस्ट दे सकते हैं। बर्नआउट से जूझ रहे इंसान को वापस काम पर लाने से किसी को कोई फायदा नहीं होता। मेरे अपने ऑफिस में हम सोमवार से शुक्रवार तक दिन में आठ घंटे काम करते हैं। हमारे यहां मदरहुड और फादरहुड पोलिसीस हैं। हमें बच्चों को काम पर लाना नॉर्मल बनाना चाहिए।

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