नजफगढ़ में बायोगैस संयंत्र शुरू, सीएम रेखा ने किया लोकार्पण

नजफगढ़ के नगली डेयरी में 200 मीट्रिक टन हर दिन क्षमता वाला गोबर आधारित बायोगैस संयंत्र शनिवार से शुरू हो गया। इस संयंत्र से करीब 14000 घन मीटर हर दिन सीएनजी और 5.6 टन बायोगैस निकलेगी जिसे इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) खरीदेगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सेवा पखवाड़े के तहत शनिवार को इसका लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये बायोगैस संयंत्र ग्रीन एनर्जी की ओर महत्वपूर्ण कदम है। इससे कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) और खाद तैयार होगी। आसपास की डेयरियों का गोबर व अपशिष्ट अब नालियों में बहकर यमुना में नहीं जाएगा। इससे न केवल क्षेत्र में सफाई बढ़ेगी बल्कि आसपास के ग्रामीणों को उनके मवेशियों के गोबर के बदले पैसे भी मिलेंगे। साथ ही, यह परियोजना यमुना को साफ करने में मील का पत्थर साबित होगी। इस मौके पर शहरी विकास मंत्री आशीष सूद, महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह, सांसद कमलजीत सहरावत, निगम आयुक्त अश्वनी कुमार व कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

पिछली सरकार के काम पर उठाया सवाल : सीएम ने कहा कि केजरीवाल सरकार आठ साल में बायोगैस परियोजना पूरी नहीं कर पाई। उनकी सरकार दिल्ली के हर हिस्से में ऐसे बायोगैस संयंत्र लगाएगी। नंगली में करीब 13,000 व ककरोला डेयरी में 7,000 मवेशी हैं। दोनों डेयरियों में हर दिन करीब 200 मीट्रिक टन गोबर निकलता है। इस संयंत्र से करीब 14000 घन मीटर हर दिन सीएनजी और 5.6 टन संपीड़ित बायोगैस निकलेगी। करीब 2.72 एकड़ में संयंत्र बना है। इसे करीब 16 करोड़ रुपये में तैयार किया गया है। केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के शहरी विकास निधि से ये वित्त पोषित है।

‘जनहित के कार्यों को अंजाम दे रही सरकार’
डेयरी मालिकों से 65 पैसे प्रति किलोग्राम की दर से गोबर लिया जाएगा। इससे निकलने वाली बायोगैस से प्राकृतिक उर्वरक बनेगा। निगम ने दिसंबर 2018 में इसे बनाना शुरू किया था। इसे मेसर्स सीईआईडी ने डिजाइन किया है। कंपनी के पास निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण की जिम्मेदारी भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये ट्रिपल इंजन की सरकार है जो सभी को साथ लेकर मेहनत से निरंतर लोगों की समस्याओं का समाधान कर रही है और जनहित के कार्यों को अंजाम दे रही है।

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