पंजाब के स्कूलों को जारी हुआ सख्त फरमान, आदेश न मानने पर होगी सख्त कार्रवाई

सेफ स्कूल वाहन पॉलिसी को लेकर तरनतारन के डिप्टी कमिश्नर संदीप कुमार ने सभी प्राइवेट स्कूलों के प्रिंसिपलों के साथ विशेष बैठक की और सख्त हिदायत दी कि अगर कोई सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मीटिंग के दौरान एस.डी.एम. तरनतारन सिमरनदीप सिंह, एस.डी.एम. पट्टी किरपालवीर सिंह, जिला बाल सुरक्षा अधिकारी राजेश कुमार, डी.एस.पी. निर्मल सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी परमजीत सिंह उपस्थित थे। 

सिविल रिट याचिका नंबर 6907/2009 के माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेशों को सख्ती से लागू करने के लिए राजेश कुमार जिला बाल संरक्षण अधिकारी तरनतारन द्वारा बताया गया कि सुरक्षित स्कूल वाहन नीति के तहत स्कूल बसों में फुट स्टेप की ऊंचाई 220 मिमी से अधिक नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही सीसीटीवी फुटेज 60 दिनों तक संभाल कर रखना जरुरी है। स्कूल बस पर स्कूल का नाम और फोन नंबर लिखा होना जरुरी है। स्कूल बस चालक को हल्के नीले रंग की शर्ट पेंट और काले जूते पहने हों, ड्राइवर के नाम वाली आई.डी. प्लेट लगी हो। ड्राइवर के पास सभी बच्चों का नाम पता क्लास और बल्ड ग्रुप वाली लिस्ट होनी चाहिए। इसके साथ ही स्कूल बस में क्षमता से अधिक बच्चे नहीं बिठाए जाने चाहिए, स्कूल बस में अग्निशामक यंत्र होना जरूरी है। अगर बस किराय पर है तो ऑन स्कूल ड्यूटी बैनर आवश्यक है। स्कूल बस का रंग सुनहरा पीला होना जरुरी है। वहीं एक आपातकालीन विंडो आगे और पीछे जरुरी है। स्कूल बर से चारों और स्कूल बस लिखा होना चाहिए। स्कूल बस चालक के पास चार वर्ष का अनुभव होना चाहिए। स्कूल बस में बच्चों के बैग के लिए अलग जगह होनी चाहिए, बस में फर्स्ट एड बॉक्स होना जरूरी है। खिड़कियों के लॉक ठीक होना जरुरी है। बस में जी.पी.एस., स्पीड गवर्नर, और बाहर ग्रिल होनी चाहिए। अगर कोई भी इन नियमों का पालन नहीं करता तो स्कूल प्रमुख और ड्राइवर पर नियम न मानने पर धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।

डिप्टी कमिश्नर तरनतारन ने सभी सहायता प्राप्त निजी और गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को सख्त हिदायत दी है कि वे अपने स्कूल वाहनों और अभिभावकों द्वारा अपने स्कूलों में लगाए गए निजी वाहनों के लिए सुरक्षित स्कूल वाहन नीति के तहत नियमों को अंतिम तिथि 15.10.2024 तक पूरा करें। अगर इन आदेशो की पालना नहीं की गई तो विभागीय कार्रवाई के लिए संबंधित स्कूल प्रमुख जिम्मेदार होंगे। उनके खिलाफ एफ.आई.आर. और जुर्माना किया जाएगा और सरकार को मान्यता रद्द करने के लिए लिखा जाएगा। इससे पहले डिप्टी कमिश्नर तरनतारन द्वारा सेफ स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत 15.10.2024 तक नियमों का पान करने का समय दिया गया, जिन्होंने नियमों की पालना नहीं की उन स्कूली बसों को बंद किया जाएगा और स्कूल प्रमुखों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

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