पाकिस्तान आम चुनाव में इमरान खान ने डाला वोट
जेल सूत्रों ने बताया कि पूर्व प्रथम महिला बुशरा बीबी भी डाक मतपत्र के जरिए वोट डालना चाहती थीं, लेकिन उनके अनुरोध पर विचार नहीं किया जा सका क्योंकि हिरासत में लिए जाने के समय तक प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी।
पाकिस्तान को जल्द नया प्रधानमंत्री मिलने वाला है। नेशनल असेंबली के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। पिछले चुनाव में सरकार बनाने वाले इमरान खान और जेल में बंद अन्य प्रमुख राजनीतिक हस्तियों ने जेल से डाक मतपत्र के जरिए मतदान किया। जबकि पूर्व प्रधानमंत्री खान की पत्नी बुशरा बीबी मतदान नहीं कर सकीं। दरअसल, बुशरा को जब गिरफ्तार किया गया, तब तक डाक से मतदान करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी।
इन नेताओं ने मेल से किया मतदान
खबर में अदियाला जेल के सूत्रों के हवाले से बुधवार को कहा गया कि मेल के जरिए मतदान करने वाले नेताओं में पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही, अवामी मुस्लिम लीग के प्रमुख शेख राशिद और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी शामिल हैं।
100 से कम कैदियों ने किया मतदान
बताया जा रहा है कि अदियाला जेल के 100 से कम कैदी मतदान कर सके। यह संख्या जेल के 7,000 कैदियों की केवल एक फीसदी है। सूत्रों ने कहा कि जेल प्रशासन ने केवल उन कैदियों को वोट डालने की अनुमति दी, जिनके पास वैध कम्प्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र (सीएनआईसी) थे। कम मतदान का कारण यह था कि कैदियों के भारी बहुमत के पास मूल सीएनआईसी नहीं था।
यह है वजह
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अपराधियों, डकैतों, चोर, जघन्य अपराधों के दोषी और विचाराधीन कैदी जेल में बंद हैं। अधिकांश अपराधी अपनी पहचान छिपाने के लिए सीएनआईसी नहीं लेकर आए, जबकि यूटीपी के पहचान पत्र आमतौर पर पुलिस स्टेशनों द्वारा रोक दिए गए थे।
22 जनवरी थी अंतिम तिथि
अधिकारी ने बताया कि अदियाला जेल प्रशासन को जनवरी के मध्य में चुनाव आयोग से डाक मतपत्र मिले थे और कैदियों को मतपत्र प्रदान किए गए। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 22 जनवरी थी। हालांकि, जेल अधीक्षक असद जावेद वराइच ने समय बढ़ा दिया, जिसके बाद सीलबंद लिफाफे में संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों के जिला रिटर्निंग अधिकारियों (डीआरओ) को वोट भेजे गए।
इसलिए बुशरा को नहीं मिला मौका
जेल सूत्रों ने बताया कि पूर्व प्रथम महिला बुशरा बीबी भी डाक मतपत्र के जरिए वोट डालना चाहती थीं, लेकिन उनके अनुरोध पर विचार नहीं किया जा सका क्योंकि हिरासत में लिए जाने के समय तक प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी।