पीएम मोदी मणिपुर को देंगे 8500 करोड़ की सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शनिवार को संभावित मणिपुर दौरे से पहले गुरुवार शाम को कुकी बहुल चुराचंदपुर जिले में दो स्थानों पर उपद्रवियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पीएम के दौरे से पहले उपद्रवियों ने सड़कों पर लगे बैनर और कटआउट फाड़ दिए। वहीं, पियर्सनमुन गांव और फिलियन बाजार में प्रधानमंत्री के दौरे के लिए लगाए गए बैरिकेड्स को भी तोड़ दिया।

अधिकारियों ने बताया कि बदमाशों ने फटे हुए टुकड़ों में आग लगा दी और भागने से पहले सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर फेंके। एक जिला अधिकारी ने बताया कि चुराचांदपुर में व्यवस्था और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए अर्धसैनिक बलों द्वारा फ्लैग मार्च और गश्त जारी है।

मणिपुर को 8,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की मिलेगी सौगात
प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर यात्रा के दौरान 8,500 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर सकते हैं। अधिकारियों के मुताबिक, पीएम चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड से 7,300 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, जहां कुकी बहुसंख्यक हैं। वहीं मैतेई बहुल राज्य की राजधानी इंफाल से 1,200 करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।

मणिपुर में कड़े किए गए सुरक्षा इंतजाम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शनिवार को संभावित मणिपुर दौरे से पहले इंफाल और चुराचांदपुर में सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए गए हैं। प्रधानमंत्री के मणिपुर दौरे को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन उनके मिजोरम यात्रा के बाद मणिपुर पहुंचने की संभावना है।

237 एकड़ में फैले कांगला किले के आस पास जवान तैनात
राज्य में प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर तैयारियां काफी तेजी से चल रही हैं। इंफाल में करीब 237 एकड़ में फैले कांगला किले और चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड के आसपास बड़ी संख्या में राज्य और केंद्रीय बलों के जवान तैनात किए गए हैं। वहां पर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए एक भव्य मंच का निर्माण भी किया जा रहा है। इसी क्रम में राज्य में कई बैठकें भी आयोजित की जा चुकी हैं। मई 2023 में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद मोदी की यह पहली मणिपुर यात्रा होगी। राज्य में महीनों जारी रही हिंसा में 250 से ज्यादा लोग मारे गए और हजारों बेघर हो गए।

कांगला किले का चौबीसों घंटे किया जा रहा निरीक्षण
राज्य कर्मचारियों के साथ केंद्रीय सुरक्षा दल कांगला किले का चौबीसों घंटे निरीक्षण कर रहे हैं और राज्य आपदा प्रबंधन बल की नौकाओं को किले के चारों ओर की खाइयों में गश्त के लिए लगाया गया है। 1891 में रियासत के विलय से पहले कांगला किला तत्कालीन मणिपुरी शासकों की सत्ता का प्राचीन केंद्र हुआ करता था। तीन तरफ खाइयों और पूर्वी तरफ इंफाल नदी से घिरा यह किला एक बड़े पोलो मैदान, जंगल, मंदिरों के खंडहर और राज्य पुरातात्विक कार्यालयों से घिरा है।

जांच में खोजी कुत्तों की ली जा रही मदद
एक केंद्रीय सुरक्षा अधिकारी ने बताया, किसी अवांछित सामग्री का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों और उन्नत उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सुरक्षाकर्मी बारी-बारी से किले के बाहरी इलाके और परिसर में पैदल गश्त कर रहे हैं ताकि किसी भी अवांछित वस्तु या व्यक्ति की जांच की जा सके। किले में पर्यटकों के आने-जाने को प्रतिबंधित कर दिया गया है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अधिकतम अलर्ट जारी कर दिया गया है और उच्च पदस्थ अधिकारियों की निगरानी में निरंतर अभ्यास चल रहा है। स्थिति पर कड़ी नजर रखने के लिए सुरक्षा अधिकारियों की दैनिक बैठकें भी चल रही हैं।

चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड में की गई घेराबंदी
केंद्रीय सुरक्षा अधिकारियों का एक दल पहले ही चुराचांदपुर पहुंच चुका है। पुलिस व अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है और पीस ग्राउंड की ओर जाने वाले मार्ग पर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। यहां पर प्रधानमंत्री के एक जनसभा को संबोधित करने की उम्मीद है। राज्य के अन्य हिस्सों में भी संवेदनशील और सीमांत क्षेत्रों में तलाशी अभियान जारी है। सीआरपीएफ ने पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में असामाजिक तत्वों की आवाजाही पर रोक लगाने के लिए अस्थायी चौकियां स्थापित की हैं।

Related Articles

Back to top button