फुटबॉल रेजिडेंशियल अकादमी के खिलाड़ियों ने नहीं जमा सिक्योरिटी…

अंबाला। फुटबॉल की रेजिडेंशियल अकादमी को छावनी के वार हीरोज स्टेडियम में खुल करीब दो माह का समय हो चुका है। 1 अक्तूबर से अकादमी में प्रदेशभर के करीब 25 फुटबॉल खिलाड़ी प्रशिक्षण के अलावा रहने-खाने पीने की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी तरफ से सिक्योरिटी की 5-5 हजार रुपये की राशि ही नहीं जमा कराई।

ऐसे में खेल विभाग को अभी भी 75 हजार रुपये की सिक्योरिटी राशि का इंतजार है। हालांकि हाल ही में स्टेडियम छात्रावास में रहने वाले फुटबॉल खिलाड़ियों की ओर से उत्पात मचाने और दरवाजे, कुंडी सामान तोड़ने के कारण पिछले करीब तीन दिन से अकादमी पर ताला है।

कार्यवाहक जिला खेल अधिकारी एथलेटिक्स कोच प्रवीण की तरफ से उत्पात मचाने वाले सभी खिलाड़ियों को वापस अपने घर भेज दिया गया है। जबकि खिलाड़ियों के उत्पात बारे एक पत्र मुख्यालय में भेजकर वार्डन या फिर किसी कोच की जिम्मेदारी लगाने के लिए पत्र लिखा है और तब तक अकादमी बंद करने की बात कहीं है। ऐसे में कार्यवाहक जिला शिक्षा अधिकारी प्रवीण ने खिलाड़ियों पर आरोप लगाए थे कि उनकी मौजूदगी में ही उत्पात मचाते हुए व तोड़फोड़ की थी।आखिर में पुलिस को बुलाना पड़ा था। बाद में माफी मांगकर उन्हें छोड़ा गया था। बता दें कि फुटबॉल की रेजिडेंशियल अकादमी में अंबाला के 6 और बाकि जींद, यमुनानगर के शामिल है।

कार्यवाहक डीएसओ बोले कि चेक दिए, पर लगे नहीं

कार्यवाहक जिला खेल अधिकारी एथलेटिक्स कोच प्रवीण ने बताया कि फुटबॉल रेजिडेंशियल अकादमी के खिलाड़ियों से पहले ही पांच हजार रुपये सिक्योरिटी लेने का प्रावधान है। इसमें खिलाड़ी की ओर से कोई भी नुकसान होता है या फिर किसी कारण वह नहीं आता तो वो जब्त हो सकती है। हालांकि पहले कुछ खिलाड़ियों ने कोच को ही चैक दिए थे, लेकिन वो भी नहीं लगे हैं। हाल में खिलाड़ियों की ओर से उत्पात मचाने का मामला सामने आया है। उनकी तरफ से जो भी नुकसान हुआ है तो वो सिक्योरिटी में काट सकते हैं लेकिन सिक्योरिटी ही जमा नहीं है। ऐसे में अब 11 दिसंबर को जिला शिक्षा अधिकारी राम निवास छुट्टियों से वापस लौटकर चार्ज संभालेंगे। उसके बाद ही आगामी निर्णय लेकर अकादमी को खोला जाएगा।

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