ब्रिटेन में सरकार बनाने के चार महीने के अंदर ही घिर गई लेबर पार्टी

गाइडलाइंस के मुताबिक, इस तरह की ऑनलाइन पिटीशन में अगर किसी कानून या नीति में बदलाव की मांग की जाती है तो सरकार इस पर 10 हजार साइन-अप के बाद अधिकतर प्रतिक्रिया देती है। इतना ही नहीं अगर किसी पिटीशन को 1 लाख सिग्नेचर मिलते हैं तो इसके मुद्दे पर संसद में बहस भी की जाती है।

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद दुनियाभर में उथल-पुथल का दौर जारी है। जर्मनी में सरकार गिरने के बाद अब ब्रिटेन में भी सरकार पर खतरा पैदा होता दिख रहा है। दरअसल, यहां एक ऑनलाइन पिटीशन में लोगों ने फिर से चुनाव कराने की मांग की है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस पिटीशन को 17 लाख लोगों ने समर्थन दिया है। इतना ही नहीं, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के मालिक एलन मस्क ने भी इस पिटीशन की सफलता को लेकर एक संदेश को रिपोस्ट किया है।

गाइडलाइंस के मुताबिक, इस तरह की ऑनलाइन पिटीशन में अगर किसी कानून या नीति में बदलाव की मांग की जाती है तो सरकार इस पर 10 हजार साइन-अप के बाद अधिकतर प्रतिक्रिया देती है। इतना ही नहीं अगर किसी पिटीशन को 1 लाख सिग्नेचर मिलते हैं तो इसके मुद्दे पर संसद में बहस भी की जाती है।

ब्रिटिश सरकार के खिलाफ पिटीशन में क्या?
इस पिटीशन को लेकर जानकारी में कहा गया है- “मैं एक बार फिर आम चुनाव चाहता हूं। मुझे लगता है कि मौजूदा सरकार आम चुनाव के दौरान किए गए अपने वादों को निभाने में नाकाम रही है।” इस पिटीशन पर 17,71,423 लोग हस्ताक्षर कर चुके हैं। इस पिटीशन को ब्रिटेन के एक पब संचालक माइकल वेस्टवुड की तरफ से शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद भी नहीं थी कि इस पिटीशन की सफलता पर एलन मस्क कभी टिप्पणी करेंगे।

एलन मस्क के पोस्ट में क्या?
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने जो पोस्ट शेयर किया है, उसमें कहा गया, “आम चुनाव को लेकर पिटीशन ने ब्रिटेन में आधी रात के ठीक छह घंटे बाद 2 लाख हस्ताक्षर के लक्ष्य को तबाह कर दिया।” इस पर मस्क ने कहा- ‘वाह’।

इस बीच पिटीशन शुरू करने वाले वैगन्स एंड हॉर्सेज पब के मालिक वेस्टवुड ने कहा कि लेबर सरकार के काम उसके बिल्कुल उलट हैं, जैसे उन्होंने घोषणापत्र में वादे किए हैं। मुझे लगता है कि लोगों ने बहुत झेल लिया। लोगों ने हाल ही में अमेरिका में क्या हुआ, वह भी देखा और मुझे लगता है कि यह उसी का प्रभाव है। अगर लोग साथ खड़े हो जाएं और साथ वोट करें तो हम बदलाव ला सकते हैं।

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