भाजपा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के जीवन पर बनी कथित फिल्म ‘बाघिनी’ की रिलीज होने से पहले समीक्षा करने का आग्रह किया
भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के प्रदेश मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) को पत्र सौंपकर उनका ध्यानाकृष्ट किया है।पत्र में बताया गया है कि ममता बनर्जी के जीवन पर बनी कथित फिल्म ‘बाघिनी’ 3 मई को रिलीज होने वाली है। प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजुमदार एवं पार्टी की इलेक्शन कमेटी के सदस्य शिशिर बाजोरिया ने सीईओ से मिलकर ‘बाघिनी’ पर आपत्ति जताई। उन्होंने आयोग से आग्रह किया कि है कि जिस तरह से नरेंद्र मोदी की बायोपिक पर पुनरावलोकन कर उस पर रोक लगाई है, उसी तरह ‘बाघिनी’ की भी समीक्षा कर फैसला लिया जाए।
चुनाव के दौरान भाजपा ने ‘बाघिनी’ के किसी भी अंश को नहीं दिखाए जाने की अपील की गई है। गौर हो कि पीएम मोदी की बायोपिक के रिलीज पर रोक लगा दी गई है। दूसरी तरफ, फिल्म के निर्माता नेहाल दत्त का दावा है कि ‘बाघिनी’ बायोपिक नहीं बल्कि महिलाओं के संघर्ष की कहानी है। प्रदेश भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन के दौरान प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार व राज्य इलेक्शन कमेटी के सदस्य शिशिर बाजोरिया ने कहा कि ममता बनर्जी से प्रेरित बायोपिक से भाजपा को कुछ आना-जाना नहीं है, लेकिन चुनाव के समय इसका प्रदर्शन नहीं होना चाहिए।
बांग्लादेशी एक्टर गाजी नूर पर कार्रवाई की मांग
भाजपा ने दमदम लोकसभा सीट के तृणमूल उम्मीदवार सौगत राय के लिए प्रचार करने के मामले में बांग्लादेशी एक्टर गाजी नूर पर भी फिरदौस अहमद की तरह कार्रवाई करने की जाने की मांग की है। भाजपा ने आयोग से कहा है कि गाजी नूर को राज्य के पूर्व मंत्री मदद मित्रा के साथ सौगत राय के पक्ष में प्रचार करते देखा गया है। यह राष्ट्र का अपमान है। इस मामले में भाजपा ने सौगत राय एवं कन्हैलाल अग्रवाल की उम्मीदवारी रद करने की मांग की है। कन्हैया लाल अग्रवाल रायगंज से तृणमूल उम्मीदवार हैं। इसके साथ ही एक विदेशी नागरिक को चुनाव प्रचार में लगाने के आरोप में तृणमूल पर भी कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है। इधर, गाजी नूर का कहना है कि वे किसी चुनाव प्रचार में नहीं गए थे। वे दक्षिणेश्र्वर गए थे। तभी उनकी मुलाकात मदन मित्रा से हुई। मित्रा से उसका व्यक्तिगत संबंध है।
तृणमूल विधायक रत्ना घोष कर भी कार्रवाई की मांग
भाजपा ने चुनाव आयोग से स्वत: संज्ञान लेते हुए चाकदह की विधायक रत्ना घोष कर पर भी कार्रवाई करने की मांग की है। आरोप है कि घोष ने गणतांत्रिक अधिकारों का हनन करते हुए केंद्रीय बलों का अपमान किया है। बताया गया है कि इस तृणमूल विधायक ने एक सभा में भाषण के दौरान केंद्रीय बलों के जवानों को महिलाओं द्वारा झाड़ू, डंडे से मारने की बात कही थी। भाजपा ने आयोग से इस विधायक को चुनाव से जुड़े कार्यक्रमों से दूर रखने की मांग की है। रत्ना के बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी ट्विट कर प्रतिक्रिया जताई है।