भारत की चीन को दो-टूक, मेडिसन मार्केट के लिए रोडमैप के साथ आए
भारत ने चीन को भारतीय उत्पादों के लिए दवा बाजार खोलने की पुरानी मांग को पूरा करने के लिये स्पष्ट रूपरेखा पेश करने की मांग की है. भारतीय दूतावास की तरफ से जारी एक बयान में इसकी जानकारी दी गई. बयान में कहा गया कि दोनों देशों के दवा विनियामक एजेंसियों की शंघाई में पहली बैठक हुई. इसमें दवा बाजार की रुकावटों को दूर करने के बारे में चर्चा की गई.
बैठक में भारत की ओर से भारतीय औषधि महानियंत्रक डॉ. एसई रेड्डी और चीन के राष्ट्रीय चिकित्सकीय उत्पाद विभाग के उपायुक्त शू जिंघे ने भाग लिया. दोनों देशों ने औषधि विनियामकों की नियमित बैठक आयोजित किए जाने का निर्णय लिया है. भारत अपने औषधीय उत्पादों के लिए चीन का बाजार उदार बनाए जाने की मांग लंबे समय से करता आ रहा है. चीन सरकार पर भी देश में कैंसर और जेनेरिक दवाओं के महंगा होने के कारण जनता का दबाव है.
भारत भी चीन को दवा का निर्यात बढ़ाकर उसके साथ उत्तरोत्तर बढ़ते जा रहे व्यापार घाटे को कम कर सकता है. भारत ने चीन से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) बाजार भी खोलने की मांग की है. बयान के अनुसार, बैठक में चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने बाजार में प्रवेश की दिक्कतों को दूर करने के लिये स्पष्ट रूपरेखा की मांग की. बयान में मिसरी के हवाले से कहा गया है, ‘चीन के बाजार में भारतीय औषधियों का हिस्सा बढ़ाने की एक स्पष्ट योजना की आवश्यकता है. इस क्षेत्र के विनियामकों की बैठक नियमित रूप से होगी.
भारत ने पिछले वर्ष यूरोप और अमेरिका सहित वैश्विक बाजारों में 19 अरब डालर की उच्च कोटि की औषधियों का निर्यात किया था लेकिन इसमें चीन बाजार का हिस्सा केलव तीन करोड़ डालर का था.