महाराष्ट्र में बीजेपी का सर्वेक्षण, एक बार फिर अपने प्रदर्शन को 2019 में भी दोहराएगी पार्टी
बीजेपी के एक आंतरिक सर्वेक्षण में यह पूर्वानुमान लगाया गया है कि यदि शिवसेना के साथ उसका चुनाव पूर्व गठबंधन हो जाता है तो वह आगामी लोकसभा चुनाव में 2014 के अपने प्रदर्शन को दोहराएगी. वहीं, गठबंधन नहीं होने पर शिवसेना चार – पांच सीटों से ज्यादा नहीं जीत पाएगी. बीजेपी के एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि साथ मिल कर चुनाव लड़ने पर दोनों पार्टियों के महाराष्ट्र में 48 में 42 लोकसभा सीटें जीतने की उम्मीद है. हालांकि, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बार-बार कहा है कि वह बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे.
मंत्री ने दावा किया, ”यदि शिवसेना चुनावी गठबंधन करने से इनकार करती है तो भी बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरेगी, लेकिन 2014 की तुलना में कम सीटें जीतेगी. हालांकि, सर्वेक्षण में कहा गया है कि शिवसेना चार – पांच सीट से ज्यादा नहीं जीत पाएगी.”
गौरतलब है कि बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने 2014 में महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटों में 40 पर जीत हासिल की थी. बीजेपी को 22 ,जबकि शिवसेना को 18 सीटें मिली थी. कांग्रेस महज दो सीट जीत पाई थी जबकि राकांपा ने पांच सीटें जीती थी.
मंत्री ने सर्वेक्षण के हवाले से बताया कि यदि बीजेपी – शिवसेना गठबंधन मूर्त रूप नहीं लेता है तो बीजेपी अपने बूते 18 से 20 सीटें जीत सकती है जबकि कांग्रेस – राकांपा गठजोड़ 22- 24 सीटें जीत सकती है. मंत्री ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस शहर की अपनी हालिया यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से कहा था कि वह शिवसेना के साथ गठबंधन चाहते हैं.
इस विषय पर टिप्पणी करने को कहे जाने पर शिवसेना प्रवक्ता मनीषा कायंडे ने कहा कि उनकी पार्टी का बीजेपी के आंतरिक सर्वेक्षण से कोई लेना देना नहीं है और शिवसेना की भविष्य की रणनीति का खाका पार्टी प्रमुख ठाकरे पहले ही खींच चुके हैं.
उन्होंने कहा, ”सर्वेक्षण में हमारे लिए पांच सीटों का पूर्वानुमान किया गया है. मतगणना के दिन हर कोई देखेगा कि हम वास्तव में कितनी सीटें हासिल करते हैं. गठबंधन के बारे में फैसला करना हमारे पार्टी प्रमुख का विशेषाधिकार है.”