शारदीय नवरात्र के पहले दिन बन रहे ये शुभ-अशुभ योग

आज यानी 22 सितंबर को आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस तिथि से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो रही है। इस शुभ अवधि के दौरान मां दुर्गा के 09 रूपों की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही व्रत भी किया जाता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, शारदीय नवरात्र व्रत करने से साधक के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और शुभ फल की प्राप्ति होती है। शारदीय नवरात्र के पहले दिन कई योग भी बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग के बारे में।
तिथि: शुक्ल प्रतिपदा
मास पूर्णिमांत: अश्विन
दिन: सोमवार
संवत्: 2082
तिथि: प्रतिपदा रात्रि 02 बजकर 55 मिनट तक
योग: शुक्ल रात्रि 07 बजकर 59 मिनट तक
करण: किन्तुघ्न सुबह 02 बजकर 06 मिनट तक
करण: बव रात्रि 02 बजकर 55 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 06 बजकर 09 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 06 बजकर 18 मिनट पर
चंद्रमा का उदय: सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर
चन्द्रास्त: दोपहर 06 बजकर 30 मिनट पर
सूर्य राशि: कन्या
चंद्र राशि: कन्या
पक्ष: शुक्ल
शुभ समय अवधि
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 49 बजे से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक
अमृत काल: सुबह 03 बजकर 03 बजे से प्रातः 03 बजकर 52 मिनट तक
अशुभ समय अवधि
राहुकाल: प्रातः 07 बजकर 40 मिनट से 09 बजकर 11 मिनट तक
गुलिकाल: दोपहर 01 बजकर 45 मिनट से 03 बजकर 16 मिनट तक
यमगण्ड: प्रातः 10 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 14 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में रहेंगे…
उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र- सुबह 11 बजकर 24 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: विनम्रता, मेहनती स्वभाव, बुद्धिमत्ता, मददगार, उदार, ईमानदारी, बुद्धिमान, अध्ययनशील और परिश्रमी
नक्षत्र स्वामी: सूर्य देव
राशि स्वामी: सूर्य देव, बुध देव
देवता: आर्यमन (मित्रता के देवता)
गुण: राजस
प्रतीक: बिस्तर
शारदीय नवरात्र का धार्मिक महत्व
घट स्थापना मुहूर्त
सुबह 06 बजकर 09 मिनट से 08 बजकर 06 मिनट तक
घट स्थापना अभिजीत मुहूर्त
सुबह 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक
आज से नवरात्र की शुरुआत हो रही है। यह दिन माता दुर्गा के शैलपुत्री रूप को समर्पित है, जो साहस, शक्ति और संतुलन की देवी हैं। पहली नवरात्रि पर व्रत, पूजा और दीपक जलाना घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है और मन को शांति और आत्मविश्वास देता है।