स्किन कैंसर को रोकने में मददगार हो सकते हैं विटामिन सप्लीमेंट्स

दुनिया में तेजी से बढ़ते Skin Cancer के मामलों के बीच वैज्ञानिकों ने एक नई उम्मीद जगाई है। हालिया शोध में पता चला है कि रोजाना लिया जाने वाला एक सामान्य विटामिन सप्लीमेंट, स्किन कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम कर सकता है। जी हां, यह कोई महंगी दवा नहीं, बल्कि विटामिन बी3 का एक रूप है जिसे निकोटिनामाइड कहा जाता है।
कैसे काम करता है यह विटामिन?
निकोटिनामाइड शरीर की प्राकृतिक मरम्मत प्रणाली को मजबूत करता है। जब त्वचा पर सूरज की पराबैंगनी (UV) किरणों से नुकसान होता है, तो यह विटामिन उन कोशिकाओं को ठीक करने में मदद करता है जो क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। इतना ही नहीं, यह प्रतिरक्षा तंत्र को भी सक्रिय रखता है ताकि वह असामान्य कोशिकाओं को पहचानकर समय रहते उन्हें हटा सके।
अध्ययन में क्या पाया गया?
यह शोध अमेरिका के 33,000 से अधिक पूर्व सैनिकों पर किया गया। इनमें से लगभग 12,000 प्रतिभागियों ने रोजाना दो बार 500 मिलीग्राम निकोटिनामाइड लेना शुरू किया, जबकि बाकी लोगों ने नहीं लिया। छह महीने से अधिक समय तक चले इस अध्ययन में परिणाम काफी प्रभावशाली रहे। निकोटिनामाइड लेने वालों में नए त्वचा कैंसर के मामलों का खतरा 14 प्रतिशत तक कम देखा गया। वहीं जिन लोगों ने हाल ही में पहली बार त्वचा कैंसर झेला था, उनमें इसे नियमित रूप से लेने पर अन्य कैंसर विकसित होने की संभावना 54 प्रतिशत तक घट गई।
क्यों जरूरी है यह अध्ययन?
सूरज की किरणों से बचाव और सनस्क्रीन का उपयोग लंबे समय से त्वचा कैंसर से सुरक्षा के मुख्य उपाय रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद, दुनिया भर में स्किन कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। खासतौर पर उन लोगों में जो अधिक धूप में रहते हैं, जिनकी त्वचा गोरी है या जिनकी उम्र ज्यादा है। ऐसे में यह सस्ता और आसानी से मिलने वाला विटामिन, रोकथाम के लिए एक नया और सरल रास्ता साबित हो सकता है।
क्या यह सभी के लिए फायदेमंद है?
विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल यह नतीजे शुरुआती हैं, और हर व्यक्ति को इस सप्लीमेंट को शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। फिर भी यह खोज यह दिखाती है कि एक साधारण पोषक तत्व भी हमारे शरीर में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने में अहम भूमिका निभा सकता है।
कभी-कभी बड़ी समस्याओं का हल बहुत साधारण चीजों में छिपा होता है। निकोटिनामाइड यानी विटामिन बी3 का यह रूप, भविष्य में स्किन कैंसर से बचाव की दिशा में एक बड़ी उम्मीद बन सकता है। अगर आने वाले समय में और शोध इस बात की पुष्टि करते हैं, तो यह छोटी-सी गोली लाखों जिंदगियां बचा सकती है।