हरियाणा में ड्यूटी से गायब चल रहे 68 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त

कई वर्षों से ड्यूटी से गायब चल रहे डॉक्टरों पर हरियाणा सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है। स्वास्थ्य विभाग ने 2017 से अनुपस्थित चल रहे 68 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं।

इन डॉक्टरों ने नियुक्ति के बाद कुछ महीने तो काम किया और उसके बाद स्वास्थ्य विभाग को बिना बताए ड्यूटी से गायब हो गए। इस बारे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉक्टरों से पत्राचार भी किया गया, मगर डॉक्टरों की ओर से कोई जवाब नहीं आया। अब स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई कर दी है।

इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। अब इन डॉक्टरों की जगह नए डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी। इसके लिए विभाग की ओर से जल्द विज्ञापन जारी किया जाएगा। जिन डाॅक्टरों पर कार्रवाई की गई है, इनमें से 2017 से एक, 2018 से दस, 2019 से दो, 2020 से दस, 2021 से आठ, 2022 से 16, 2023 से 17 और 2024 से चार डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आए हैं।

काम हो रहा था प्रभावित
इन डॉक्टरों के नहीं होने से हर सेंटर में काम प्रभावित हो रहा था। वहीं, इन डॉक्टरों को निकाले नहीं जाने से नई नियुक्तियां भी नहीं हो पा रही थी। इस बारे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई बार इन डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही गई थी, मगर मामला टल रहा था। मगर अब इस बारे में स्वास्थ्य विभाग ने कड़ी कार्रवाई कर दी है। स्वास्थ्य विभाग ने सिविल चिकित्सा सेवाएं (श्रेणी-1) नियम 2014 के नियम 10 के तहत इन चिकित्सा अधिकारियों की सेवाएं अनुपस्थिति की तिथि से समाप्त की जाती हैं।

इन डॉक्टरों पर कार्रवाई
डा. अरुषि सिंह, अंबाला, डा. रवजोत सिंह अंबाला, डा. रुपाली नारायणगढ़, डा. किरण चरखी दादरी, डा. नवीन शर्मा चरखी दादरी, डा. रेखा देवी, चरखी दादरी, डा. प्रशास्ति चरखी दादरी, डा. जतिन ढींगरा फतेहपुर टागा, डा. नंनदानी त्यागी फरीदाबाद, डा. श्वेता पेनहेरा, डा. राशि अग्रवाल खेड़ी कलां, ड. पूजा यादव पटौदी, डा. मीनू गुरुग्राम, डा. पुनीत सोहना, डा. हेमंत सोहना, डा. हितेंद्र सोहना, डा. दिव्या यादव सोहना, डा. मनीष यादव सोहना, डा. लक्ष्मी यादव फारुखनगर, डा. सरिता भोराकलां, डा. नितिन अग्रवाल गुरुग्राम, डा. कृतिका ठाकुर गुरुग्राम, डा. अमिता सिंघल हिसार, डा. अनुराधा नागपाल हिसार, डा. नीरज गौतम हिसार, डा. हिमांशु सागर हिसार, डा. आयुष हिसार, डा. विकास हिसार, डा. अमित कुमार करनाल, डा. निधि सोनी कुरुक्षेत्र, डा. पारव सिंह सचदेवा कुरुक्षेत्र, डा. राजीव कुमार शाहबाद, डा. संदीप यादव नारनौल, डा. लक्ष्मी नारायण नारनौल, डा. मनीषा नारनौल, डा. रीना यादव महेंद्रगढ़, डा. निधि वर्मा नांगल चौधरी, डा. मुरारी लाल नांगल चौधरी, डा. रवि प्रकाश नारनौल, डा. प्रमोद सहलंग, डा. रजनी रानी नारनौल, डा. अंजलि शर्मा कनीना, डा. मोनिका कनीना, डा. सोनू कुमारी कनीना, डा. लखन सिंह तंवर पलवल, डा. राकेश पांडे पलवल, डा. शुभम शर्मा पलवल, डा. सुनील कुमार भारद्वाज पलवल, डा. अरविंद पलवल, डा. लक्ष्य पलवल, डा. नेहा रोहतक, डा. दीपिका, डा. नितिन, डा. कोमल, डा. दीक्षित, डा. आयुष, डा. अकुल, डा. विकास, डा. शुभम, डा. तमन्ना और डा. पंकज मलिक (सभी सोनीपत), डा. इशिता यमुनानगर, डा. कोमल यमुनानगर, डा. निकिता अंबाला कैंट, डा. मोनिका अंबाला कैंट, डा. मिनाक्षी अंबाला कैंट, डा. अनिल सोफत अंबाला कैंट और डा. कोमलप्रीत कौर अंबाला सिटी

इन कारणों की वजह से छोड़ जाते हैं डाक्टर
जिन डॉक्टरों पर कार्रवाई की गई कि वे अपनी मर्जी से नहीं आ रहे थे। दरअसल हरियाणा में अक्सर नौकरी ज्वाइन करने के कुछ दिन बाद डॉक्टर छोड़ जाते हैं। इसके पीछे बड़ा कारण पदोन्नति के चांस कम होना, दूसरे प्रदेशों के मुकाबले वेतन कम, सीएचसी व पीएचसी सेंटर में तैनात होने वाले डॉक्टरों के लिए बेहतर रिहायशी जगह का न होना, अनुपयुक्त कार्य परिस्थितियां, मेडिको-लीगल मामलों में संलग्नता, अदालती साक्ष्य, क्लास-वन अधिकारी का दर्जा नहीं, उच्च अध्ययन के लिए एनओसी प्राप्त करने में बाधाएं जैसी समस्याएं आती हैं।

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