असम की स्टार्टअप कंपनी में क्या है खास, जिसकी PM मोदी ने भी की तारीफ

असम स्थित एक स्टार्टअप कंपनी कुंभी कागज जलकुंभी से कागज बना रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी तारीफ भी की है। जलकुंभी (Water hycinath) जिसे स्थानीय रूप से ‘मेटेका’ के नाम से जाना जाता है, एक आक्रामक खरपतवार है जो आर्द्रभूमि को नुकसान पहुंचाता है।

असम के दो युवाओं रूपांकर भट्टाचार्य और अनिकेत धर ने वेटलेंड और इकोसिस्टम को संरक्षित करने के उद्देश्य से जलकुंभी से कागज बनाने की अपनी यात्रा शुरू की है। एएनआई से बात करते हुए कुंभी कागज के सह-संस्थापक रूपांकर भट्टाचार्जी ने कहा,

‘सह-संस्थापक अनिकेत और मैंने कुंभी कागज की स्थापना की, और हम भारत की एकमात्र कंपनी हैं जो जलकुंभी से केमिकल फ्री और हैंडपेपर कागज बनाती है। हम नोटबुक, कैलेंडर आदि बनाते हैं। हमने 2016-17 में जयादित्य पुरकायस्थ के साथ चर्चा के बाद अपनी यात्रा शुरू की। जयादित्य पुरकायस्थ हमारे गुरु हैं, और वे एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक और सरीसृप विज्ञानी हैं।

क्या है जलकुंभी?
रूपांकर भट्टाचार्जी ने आगे कहा, हमें बताया कि जलकुंभी भारत में आर्द्रभूमि (wetlands) की एक बड़ी समस्या है, और जलकुंभी के कारण आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचता है। हमने जलकुंभी के 100 प्रतिशत रेशों को लुगदी में बदलकर कागज बनाना शुरू किया।

इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘हमारे साथ 100 से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं और अभी हमारी यूनिट में 16 लोग काम कर रहे हैं। हम गुवाहाटी और काजीरंगा अगोराटोली रेंज में दीपोर बील के पास एक समुदाय में काम करते हैं। काजीरंगा नेशनल पार्क के फील्ड डायरेक्टर हमारे प्रोजेक्ट में हमारा भरपूर सहयोग कर रहे हैं। काजीरंगा में समुदाय के लोग हमारे साथ जुड़े हुए हैं।’

पीएम मोदी ने की तारीफ
2023 में ‘मन की बात’ के जरिए राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलकुंभी कागज स्टार्टअप का जिक्र किया, जो जलकुंभी से कागज बना रहा है।

Related Articles

Back to top button