आज से राजधानी में बहेगी भक्ति और शक्ति की बयार, रामलीला और नवरात्र की शुरुआत… 

राजधानी में रामलीला मंचन की परंपरा बृहस्पतिवार से एक बार फिर जीवंत हो उठेगी। मंत्रों और भक्तिमय माहौल के बीच भगवान गणेश की वंदना के साथ इस वर्ष का रामलीला मंचन शुरू होगा। इस खास मौके पर पुष्पवर्षा के साथ गणेश जी की आराधना की जाएगी, जिससे माहौल पूरी तरह से आध्यात्मिक रंग में रंग जाएगा। हर साल की तरह इस बार भी राजधानी की बड़ी और छोटी रामलीला कमेटियों ने इसके लिए विशेष तैयारियां की हैं, जो इस उत्सव को अत्यधिक भव्य और आकर्षक बनाएंगी।

राजधानी स्थित लालकिला मैदान से लेकर शहर के अन्य प्रमुख स्थानों तक कई रामलीला कमेटियों ने अपनी प्रस्तुतियों के लिए शानदार पंडाल और मंच सजाए हैं। राजधानी में छह सौ स्थानों पर रामलीला का मंचन होगा। इनमें से 50 जगहों पर बड़े पैमाने और अत्याधुनिक तकनीक के साथ रामलीला का आयोजन होगा। इसके अलावा लगभग 100 जगहों पर मध्यम स्तर और अन्य स्थानों पर छोटे पैमाने की रामलीलाएं आयोजित होंगी। राजधानी की बड़ी रामलीला कमेटियों ने इस वर्ष अपने आयोजन को हर दृष्टिकोण से खास बनाने का प्रयास किया है।

लालकिला मैदान, रामलीला मैदान, पीतमपुरा, अशोक विहार, द्वारका, दक्षिण दिल्ली, पूर्वी दिल्ली के प्रमुख क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रामलीला का मंचन होगा। मंचों व पंडालों के प्रवेश द्वार प्राचीन मंदिरों और प्रसिद्ध स्थानों की तरह बनाए गए हैं। इन विशाल मंचों व पंडालों के प्रवेश द्वारों पर प्राचीन भारतीय संस्कृति की अद्वितीय झलक देखने को मिलेगी। कमेटियों ने हर संभव प्रयास किया है कि मंच और पूरे आयोजन स्थल पर दर्शकों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव हो।

सुरक्षा के विशेष इंतजाम
रामलीला के दौरान मंच की सजावट के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था को भी प्राथमिकता दी गई है, ताकि दर्शकों को किसी भी तरह की असुविधा न हो। इसके अलावा आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं। सीसीटीवी कैमरों से लेकर सुरक्षा गार्डों तक हर छोटी-बड़ी जगह पर सतर्कता बरती जाएगी। आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध रहेंगी।

दर्शकों के मनोरंजन के लिए विशेष व्यवस्था
सभी बड़े बजट वाली रामलीला कमेटियों ने मंचन के दौरान सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां ही नहीं, बल्कि दर्शकों के मनोरंजन के लिए भी खास इंतजाम किए हैं। मेलों की विशेष व्यवस्था की गई है जहां दर्शक विभिन्न प्रकार के खेल, झूले, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद ले सकेंगे। खाने-पीने के स्टॉल्स पर विशेष पकवान उपलब्ध होंगे, जिनमें भारतीय परंपरागत व्यंजनों का स्वाद लिया जा सकेगा।

मंचन में हाईटेक तकनीक का भी उपयोग होगा
रामलीला के मंच पर इस बार हाईटेक तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जाएगा। टीवी धारावाहिक रामायण जैसी उन्नत तकनीक और डिजिटल प्रभावों का समावेश रामलीला मंचन में किया गया है। कंप्यूटराइज्ड लाइट्स, ध्वनि और दृश्य प्रभाव इस मंचन को एक अलग ही स्तर पर पहुंचाएंगे। मंच पर हनुमान का आकाश में उड़ना, रावण का महल और राम-रावण युद्ध के दृश्य को अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से सजीव किया जाएगा।

फिल्मी दुनिया के सितारे मंचन करेंगे
कई बड़ी रामलीला कमेटियों ने अपने मंचन को भव्य बनाने के लिए फिल्मी दुनिया के कुछ खास कलाकारों को भी आमंत्रित किया है। ये कलाकार विभिन्न प्रमुख भूमिकाओं में नजर आएंगे। रामलीला में राम व रावण की सेना में कई प्रसिद्ध कलाकार होंगे। श्री धार्मिक लीला कमेटी के मंच पर बिंदू धारा सिंह हनुमान की भूमिका निभाएंगे जबकि लवकुश रामलीला कमेटी के मंच पर शाहबाज खान रावण की भूमिका में नजर आएंगे। वहीं राम, लक्ष्मण, सीता, नारद की भूमिका निभाने वाले फिल्मी कलाकार अपने अभिनय कौशल से रामलीला को और जीवंत बनाएंगे। इसी तरह कई नेता भी मंच पर अपनी कला से रूबरू कराएगे।

रामलीला का डिजिटलीकरण
तकनीक के इस युग में रामलीला आयोजन भी इससे अछूता नहीं रहा। कई बड़ी रामलीला कमेटियां इस बार इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से अपने मंचन का सीधा प्रसारण करेंगी। इससे देश-विदेश के लोग भी इस आयोजन का हिस्सा बन सकेंगे। रामलीला के इस डिजिटलीकरण ने न केवल इसके प्रसार को बढ़ाया है, बल्कि इसे नई पीढ़ी के लोगों तक भी पहुंचाने में मदद की है।

रामलीला में एआई तकनीक का होगा इस्तेमाल
नव श्री धार्मिक लीला कमेटी की रामलीला में इस बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। कमेटी के प्रचार मंत्री राहुल शर्मा ने बताया कि लाइट व साउंड में एआई का उपयोग होगा, जिससे दर्शकों को एक नए और अनोखे अनुभव का मौका मिलेगा। इसके अलावा जब मंच पर जंगल का दृश्य आएगा, तो पंछियों की आवाज भी सुनाई देगी।

रामलीला का व्हाट्सएप चैनल लॉन्च किया गया है, जिसमें दिल्ली के लाखों लोगों को लीला के प्रतिदिन होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी जाएगी और लीला के वीडियो व फोटो भी भेजे जाएंगे। इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर भी लीला का लाइव प्रसारण किया जाएगा और रील अपलोड की जाएंगी। कमेटी ने आयोजन का मकसद युवाओं में रामायण के बारे में जागरूकता बढ़ाना और अपनी संस्कृति और धार्मिक परंपरा का स्मरण कराना है। लीला के लिए ई-इनविटेशन भी बनाए गए हैं। यह आयोजन दर्शकों के लिए एक यादगार अनुभव होगा।

द्वारका की रामलीला में हर दिन बदलेंगे बाल कलाकार
द्वारका की बाल रामलीला में हर दिन और हर दृश्य में प्रस्तुति देने वाले बाल कलाकार बदल जाएंगे। लीला में लगभग 40 स्कूलों के 4000 बच्चे हिस्सा लेंगे। राम और सीता की भूमिका निभाने वाले बच्चे छह साल के हैं। आयोजकों ने जानकारी दी है कि बृहस्पतिवार से 12 अक्तूबर तक यह लीला चलेगी। इस दौरान सिंधी भाषा में भी रामायण की प्रस्तुति होगी। बुधवार को डांडिया संध्या से इसका आगाज हुआ। बृहस्पतिवार को राम जन्म और ताड़का वध का मंचन होगा। इसके बाद शुक्रवार से सीता स्वयंवर का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर बाल रामलीला समिति की अध्यक्ष प्रीतिमा खंडेलवाल ने बताया कि यह आयोजन बच्चों को भारतीय परंपरा से जोड़ने के लिए किया जाता है। वहीं, समिति के महासचिव हरीश कोचर ने इसे पूरे शहर में अपनी विशिष्टता के लिए मशहूर होने की बात कही।

आज से नवरात्र महोत्सव शुरू, मंदिरों में उमड़ेंगे श्रद्धालु
राजधानी में बृहस्पतिवार से नवरात्र महोत्सव की शुरुआत हो रही है। इस दौरान प्रसिद्ध मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना है। इन मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्तजन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के लिए उमड़ेंगे।

राजधानी के प्रमुख मंदिर झंडेवाला माता मंदिर, कालका जी मंदिर, छतरपुर मंदिर समेत अन्य मंदिरों में पहले दिन से ही भक्तों की भीड़ देखी जाएगी। श्रद्धालु देवी की आराधना के साथ-साथ विशेष पूजा सामग्री, फूल, और मिठाइयां लेकर आएंगे। इसके मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को भी चाक-चौबंद रखा गया है। झंडेवाला माता मंदिर में नवरात्र के पहले दिन बड़ी संख्या में भक्त मां की ज्योत लेने आएंगे। उनकी हर प्रकार की सुविधा का प्रबंध मंदिर की ओर से किया गया है।

मंदिर प्रबंधन समितियों और प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए व्यवस्था की है। सुरक्षा, सफाई और पार्किंग की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है। दूसरी ओर, श्रद्धालु अपने घरों में भी नवरात्रि की तैयारी कर रहे हैं। घरों में माता रानी की पूजा की शुरुआत करने के लिए कई परिवार पहले से ही विशेष पूजन सामग्री एकत्र कर चुके हैं।

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