एनएचएम के 15 हजार कर्मचारियों को झटका: सेवा नियम किए फ्रीज

दिवाली से ठीक पहले हरियाणा सरकार ने एनएचएम के 15 हजार कर्मचारियों को तगड़ा झटका दिया है। वित्त विभाग की सलाह के बाद विभाग के कर्मचारियों के सेवा नियमों को फ्रीज कर दिया है। एनएचएम निदेशक ने इस संबंध में सभी सीएमओ को पत्र लिखा है। सेवा नियमों के फ्रीज होने के बाद अब कर्मचारियों को ग्रेड पे के हिसाब से वेतन नहीं मिल पाएगा, बल्कि उनको फिक्स वेतन दिया जाएगा। उधर, आदेश जारी होने के बाद से एनएचएम कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया है। बुधवार को प्रदेशभर के जिला अस्पतालों के बाहर आदेशों की प्रतियां जलाई।

2018 से एनएचएम कर्मचारियों को ग्रेड पे के हिसाब से वेतन मिल रहा है। अब एनएचएम की ओर से कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के हिसाब से वेतन देने का प्रस्ताव भेजा गया था। वित्त विभाग ने इस पर आपत्ति जताई है कि जब कर्मचारियों के लिए सेवा नियम (बाईलाज) बनाए गए तो वित्त विभाग की अनुमति नहीं ली गई थी, इसलिए बाईलाज को फ्रीज करने के लिए कहा है। वित्त विभाग ने एक सप्ताह में फीक्स वेतन तय करने के लिए भी कहा है।

वित्त विभाग के पत्र के बाद से एनएचएम के निदेशक ने इस फैसले को लागू करने के आदेश जारी किए हैं। नए आदेश लागू होने के बाद कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के हिसाब से तय ग्रेड पे के हिसाब से वेतन नहीं मिलेगा, बल्कि अलग अलग पदों के लिए नए सिरे से फीक्स राशि तय की जाएगी। गौर हो कि इससे पहले वित्त विभाग की आपत्ति के बाद एसएसए (समग्र शिक्षा अभियान) के कर्मचारियों के सेवा नियमों को भी विभाग द्वारा फ्रीज किया जा चुका है।

आंदोलन की चेतावनी
आदेश के बाद एनएचएम कर्मचारियों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन शर्मा, प्रदेश महामंत्री प्रदेश महामंत्री जितेंद्र वत्स, राज्य उपाध्यक्ष जगत बिसला ने कहा कि एनएचएम कर्मचारियों के सेवा नियम फ्रीज करने के आदेश जारी करके कर्मचारियों को निराशा के साथ काली दिवाली मनाने को मजबूर किया है। कर्मचारी सरकार के आदेशों के खिलाफ लामबंद होकर आरपार लड़ने की तैयारी में हैं। 30 अक्टूबर को सभी जिलों में आदेशों की प्रतियां जलाई जाएंगी।

सोनीपत में एनएचएम कर्मियों ने आदेशों की प्रतियां जलाई
सोनीपत में एनएचएम कर्मी भूपेंद्र नैन, डॉ. तेजेंद्र खोखर, प्रदीप, प्रवीन मलिक ने कहा कि वर्ष 2018 से उन्हें ग्रेड पे के हिसाब से वेतन मिल रहा है। अब एनएचएम की ओर से कर्मियों को 7वें वेतन आयोग के हिसाब से वेतन देने का प्रस्ताव भेजा गया था। वित्त विभाग ने इस पर आपत्ति जताई कि जब कर्मियों के लिए सेवा नियम बनाए गए तो वित्त विभाग की अनुमति नहीं ली गई थी। जिसके चलते सेवा नियमों को फ्रीज करने के लिए कहा है। एनएचएम के निदेशक की तरफ से आदेश जारी होने पर एनएचएम कर्मियों में रोष है।

कर्मियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि वह अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। आचार संहिता लगने से पहले एनएचएम कर्मियों ने अपनी हड़ताल की थी। एनएचएम कर्मचारी वेतन विसंगतियां दूर कराने, नियमित किए जाने की मांग को लेकर 26 जुलाई से हड़ताल कर रहे थे। 16 अगस्त को आचार संहिता लागू होने के बाद कर्मियों ने हड़ताल स्थगित की थी। सरकार बनने के बाद कर्मियों को मांगें पूरी होने की उम्मीद थी, लेकिन इनके उलट आदेश जारी होने से कर्मी काली दिवाली मनाने को मजबूर हैं।

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