गुणों का भंडार हैं सूरजमुखी के बीज, डाइट में शामिल करने से मिलेंगे ये फायदे
सीड्स को अपनी डाइट में शामिल करने से कई सारे फायदे मिलते हैं। यही वजह है कि इन दिनों चिया सीड्स, पंपकिन सीड्स आदि की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है। सनफ्लावर सीड्स (sunflower seeds) भी इन्ही में से एक है, जिसे आमतौर पर सूरजमुखी के बीज भी कहते हैं। सूरजमुखी के बीड असल में सूरजमुखी फूल के मुरझा जाने के बाद निकाले जाते हैं। ये नटी फ्लेवर और क्रंची टेक्सचर के होते हैं। अपने हाई न्यूट्रीशनल वैल्यू के कारण सूरजमुखी के बीज को लगभग हर प्रकार की हेल्दी डाइट में शामिल किया जा सकता है। तो आइए जानते हैं सूरजमुखी के बीज के फायदे क्या हैं-
सनफ्लावर सीड्स के फायदे
- ये विटामिन ई के बेहतरीन स्रोत होते हैं, जो एक अच्छा एंटी ऑक्सीडेंट है और ये शरीर में सेल्स को डैमेज होने से बचातें हैं। इससे बाल, नाखून और स्किन को भी काफी फायदा मिलता है।
- ये हेल्दी फैट से भरपूर होते हैं, जिसमें मोनो-अनसैचुरेटेड और पॉली-अनसैचुरेटेड फैट शामिल होते हैं। इसमें पाए जाने वाले फाइटो स्टेरॉल से कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में भी मदद मिलती है और हार्ट से जुड़ी बीमारियों से बचाव होता है।
- इसमें सेलेनियम पाया जाता है, जो एक ऐसा मिनरल है, जो थायरॉइड की फंक्शनिंग में सुधार लाता है और साथ ही ये शरीर के लिए कई एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रभाव भी लेकर आता है। इससे शरीर की इम्युनिटी बूस्ट होती है।
- इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन b1(थियामिन) पाया जाता है, जिससे शरीर में एनर्जी बनती है।
- ये मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं, जिससे हेल्दी कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को बढ़ावा मिलता है।
- यह बीज स्किन में सेल प्रोडक्शन में मदद करता है, जिससे स्किन हमेशा ग्लो करती है।
- शरीर में मौजूद सभी सेल्स में से ये बैक्टीरिया और अन्य पैथोजेन को नष्ट करता है, जिससे शरीर डिटॉक्स होता है।
- विटामिन ई से भरपूर होने के कारण ये प्री-नेटल स्टेज में बहुत फायदा पहुंचाती है। इसलिए डॉक्टर से परामर्श लेकर इनका सेवन किया जाए तो ये प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी सुरक्षित माना जाता है।
- इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और इसमें फाइबर ज्यादा मात्रा में पाया जाता है, जिसके कारण ये डायबिटीज के मरीज के लिए भी बहुत ही फायदेमंद माना जाता है।
- इसमें पेक्टिन नाम का एक कंपाउंड पाया जाता है जो कि रेडियोएक्टिव रेसिड्यू से जुड़ने में कारगर होता है। शरीर में मौजूद रेडियोएक्टिव रेसिड्यू से जुड़कर ये इन्हें शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।