चारधाम यात्रा पर अब केंद्र की निगरानी, गृह मंत्रालय को रोज भेजनी होगी रिपोर्ट
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चारधाम यात्रा की प्रतिदिन की रिपोर्ट मांगी है। भीड़ प्रबंधन को एनडीआरएफ और आईटीबीपी मदद करेगी। मंत्रालय ने भविष्य में यात्रा प्रबंधन की रणनीति बनाने के लिए कमेटी के गठन के निर्देश भी दिए हैं।
चारधाम यात्रा में लगातार सामने आ रही भीड़ प्रबंधन संबंधी शिकायतों के बीच अब केंद्र ने निगरानी शुरू कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चारधाम यात्रा की प्रतिदिन की रिपोर्ट मांगी है। भीड़ प्रबंधन को एनडीआरएफ और आईटीबीपी मदद करेगी। मंत्रालय ने भविष्य में यात्रा प्रबंधन की रणनीति बनाने के लिए कमेटी के गठन के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को वर्चुअल माध्यम से हुई बैठक में राज्य में चारधाम यात्रा की अद्यतन जानकारी दी। केंद्रीय गृह सचिव ने मुख्य सचिव को धामों, यात्रा मार्गों एवं ठहराव स्थलों में यात्रियों की रिपोर्ट प्रतिदिन गृह मंत्रालय को भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने जरूरत पड़ने पर यात्रा मार्ग पर क्राउड मैनेजमेंट के लिए एनडीआरएफ और आईटीबीपी की मदद लेने के भी निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही भविष्य में चारधाम यात्रा प्रबंधन की रणनीति के लिए एक कमेटी के गठन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने धरातल स्तर पर यात्रा प्रबंधन पर कड़ी निगरानी पर भी विशेष बल दिया है। मुख्य सचिव ने गृह सचिव को बताया कि राज्य में चारधाम यात्रा सफलतापूर्वक, सुरक्षित, सुगम एवं सुचारू रूप से संचालित हो रही है।
बताया, सभी राज्यों विशेषकर पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र जहां से सबसे अधिक यात्री चारधाम पर आते हैं, उनके मुख्य सचिवों को पत्र और व्यक्तिगत तौर पर बातचीत कर अनुरोध किया गया कि यात्री सिर्फ रजिस्ट्रेशन के बाद ही चारधाम पर आएं। जिस तिथि का पंजीकरण हुआ है, उस तिथि पर ही चारधाम यात्रा पर आएं।
बताया, व्यवस्था बनाए रखने के लिए 31 मई तक चारधाम यात्रा के ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाई गई है। केंद्रीय गृह सचिव ने उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के सफल संचालन के लिए केंद्र से हरसंभव सहायता एवं सहयोग का आश्वासन दिया। बैठक में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, सचिव शैलेश बगौली, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, अरविंद सिंह ह्यांकी मौजूद रहे।
चौबीस घंटे चल रहा कॉल सेंटर
यात्रा प्रबंधन के बारे में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया, पर्यटन विभाग की ओर से 24 घंटे कॉल सेंटर चलाया जा रहा है। पंजीकृत श्रद्धालुओं को बड़कोट (यमुनोत्री), हीना (गंगोत्री), सोनप्रयाग (केदारनाथ) और पांडुकेश्वर (बदरीनाथ) में चेक किया जा रहा है। जानकीचट्टी (यमुनोत्री), गंगोत्री मंदिर (गंगोत्री), स्वर्गारोहिणी (केदारनाथ), आईएसबीटी, बीआरओ और माणा (बदरीनाथ) में धामों के दर्शन के लिए पंजीकृत श्रद्धालुओं को टोकन जारी किए जा रहे हैं। मंदिरों के परिसर में पंक्ति में लगे श्रद्धालुओं के टोकन पर मुहर लगाकर उनके लिए धामों के दर्शनों की व्यवस्था की गई है।
जून तक ऑनलाइन पंजीकरण फुल
चारधाम यात्रा के लिए जून में शुरू हुए ऑनलाइन पंजीकरण फुल हो गए हैं। जुलाई से नवंबर के बीच यात्रा के लिए पंजीकरण उपलब्ध हो रहे हैं। चारोंधामों में क्षमता से अधिक भीड़ बढ़ने पर प्रदेश सरकार ने ऑफलाइन पंजीकरण पर 31 मई तक रोक लगाई है। धामों में स्थिति सामान्य होने पर एक जून से ऑफलाइन पंजीकरण खुल सकते हैं। चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण का आंकड़ा 31.55 लाख पार कर चुका है। इसमें 9.61 लाख यात्री दर्शन कर चुके हैं। 10 मई से चारधाम यात्रा का आगाज हुआ। पहले दिन ही केदारनाथ, गंगोत्री यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों की भारी उमड़ी, जिससे व्यवस्थाएं भी पटरी से उतर गईं।
फर्जी रजिस्ट्रेशन करने वाली ट्रेवल एजेंसी का संचालक गिरफ्तार
कोतवाली पुलिस ने चारधाम यात्रा का फर्जी रजिस्ट्रेशन करने वाली ट्रेवल एजेंसी के संचालक अंकुश को हरिद्वार से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने महाराष्ट्र के 30 सदस्यीय दल को दो धामों के ऑनलाइन फर्जी रजिस्ट्रेशन उपलब्ध कराए थे। उसके खिलाफ पीड़ित यात्रियों ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। 22 मई को वाहनों की चेकिंग के दौरान महाराष्ट्र के 30 सदस्यीय यात्री दल के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फर्जी पाए गए थे। यात्रियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में तारीखों में कूट रचनाकर बदला गया था। पूछताछ करने पर यात्रियों ने बताया कि उन्होंने हरिद्वार स्थित कोनार्क ट्रेवल्स से 21 से 30 मई तक दो धामों की यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था।
बुद्ध पूर्णिमा पर लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के पट खुले
हेमकुंड साहिब स्थित लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट बृहस्पतिवार को बुद्ध पूर्णिमा पर्व पर विधि-विधान के साथ खोल दिए गए। आमतौर पर हेमकुंड साहिब के साथ ही लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी खुलते हैं। मंदिर के पुजारी कुशल सिंह और मनीष पांडे ने पूजा-अर्चना कर भोग लगाया। 15 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित मंदिर हेमकुंड साहिब के सरोवर के पास स्थित है।