जयशंकर ने पाकिस्तान को दिया करारा जवाब…

विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में आतंकवाद के मुद्दे पर घेरे जाने के बाद पाकिस्तान तिलमिला गया है। जयशंकर ने किसी देश का नाम लिए बगैर इशारों-इशारों में पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बताया था। यह भी कहा था कि भारत को आजादी के बाद से ही आतंकवाद की चुनौती झेलनी पड़ी है, क्योंकि हमारा पड़ोसी देश दशकों से वैश्विक आतंकवाद का केंद्र रहा है। प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हमलों की जड़ें उसी देश में होती हैं।

इस पर पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने भारत पर झूठे आरोप लगाकर इस्लामाबाद की छवि धूमिल करने का आरोप लगा दिया। इसके बाद जवाब देने की बारी भारत की थी। भारत के स्थायी मिशन में द्वितीय सचिव रेंताला श्रीनिवास ने कहा, यह महत्वपूर्ण है कि जिस पड़ोसी का नाम नहीं लिया गया, उसने फिर भी जवाब देकर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने की अपनी दीर्घकालिक नीति को स्वीकार कर लिया है।

महासभा में जयशंकर ने क्या कहा?
जयशंकर ने शनिवार को महासभा के 80वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की जनता की ओर से आप सभी को नमस्कार। भारत आज की दुनिया से आत्मनिर्भरता, आत्मरक्षा और आत्मविश्वास-इन तीन मुख्य सिद्धांतों के आधार पर जुड़ता है। आत्मनिर्भरता का मतलब है अपनी क्षमताएं बढ़ाना और अपनी प्रतिभा को निखारना। हमें इसके नतीजे पहले ही दिख रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि भारत में बनाना, नवाचार करना और डिजाइन करना दुनिया के लिए भी फायदेमंद है। आत्मरक्षा का मतलब है आतंकवाद के प्रति जीरो टालरेंस और विदेश में हमारे समुदाय की मदद करना। आत्मविश्वास का मतलब है कि हमें इस बात का भरोसा है कि हम कौन हैं और क्या बनेंगे। भारत हमेशा अपनी पसंद की आजादी बनाए रखेगा।

पाकिस्तान को लगाई लताड़
इसके बाद उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को लताड़ा। कहा कि सीमा पार से हुई बर्बरता का हालिया उदाहरण इस साल अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या है। भारत ने अपनी जनता को आतंकवाद से बचाने के अधिकार इस्तेमाल किया और इसके साजिशकर्ताओं और अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने का काम किया।

जयशंकर की टिप्पणी से तिलमिलाए पाकिस्तान ने झूठे आरोप लगाकर इस्लामाबाद की छवि धूमिल करने का आरोप लगा दिया। इसके जवाब में भारतीय प्रतिनिधि ने कहा- पाकिस्तान की बदनामी खुद ही सब कुछ बता रही है। कई आतंकी घटनाओं में उसके हाथ साफ तौर पर दिखाई देते हैं। यह न केवल अपने पड़ोसियों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक खतरा है। कोई भी तर्क या असत्य बयान आतंकवादियों के अपराधों को छिपा नहीं सकता।

भारत बड़ी जिम्मेदारियां उठाने के लिए तैयार
एएनआई के अनुसार, जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार पर जोर देते हुए कहा कि इसकी स्थायी और अस्थायी, दोनों सदस्य संख्या बढ़ानी चाहिए और भारत बड़ी जिम्मेदारियां उठाने के लिए तैयार है। विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता में कमी का मुख्य कारण सुधारों का विरोध है। अधिकांश सदस्य बदलाव चाहते हैं, लेकिन प्रक्रिया को परिणाम में बाधा बनाया जा रहा है। यह जरूरी है कि हम इस नकारात्मक सोच को दूर करें और सुधारों को गंभीरता से अपनाएं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने संकट की घड़ी में अपने पड़ोसियों की जरूरतों को पूरा किया है।

दुनिया को वैश्विक कार्यबल की जरूरत, नई व्यापार व्यवस्थाएं उभरेंगी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया को बड़े पैमाने पर वैश्विक कार्यबल की जरूरत होगी और अनिश्चितताओं के बावजूद नई व्यापार व्यवस्थाएं उभरकर सामने आएंगी। उन्होंने वैश्विक समीकरणों में बदलाव के बीच आर्थिक संबंधों में विविधता लाने के लिए लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई देशों के साथ भारत की बढ़ती भागीदारी पर जोर दिया।

न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र से इतर आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के कार्यक्रम में जयशंकर को कहा कि अनिश्चितताओं के बावजूद व्यापार अपना रास्ता बनाता रहेगा। दुनिया को वैश्विक कार्यबल की जरूरत होगी। हम नई व्यापार व्यवस्थाएं, प्रौद्योगिकी, कनेक्टिविटी और कार्यस्थल माडल देखेंगे, जो कम समय में वैश्विक परि²श्य को बहुत अलग बना देंगे।

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