टैरिफ विवाद के बीच वियतनाम पहुंचे जिनपिंग, कहा- व्यापार युद्ध में कोई विजेता नहीं होता

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग वियतनाम पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि अमेरिका की तरफ से टैरिफ को लेकर बढ़ते दबाव को देखते हुए चीन ने समर्थन जुटाने के लिए यह कदम उठाया है। वियतनाम में चीनी राष्ट्रपति वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव टो लैम के साथ-साथ प्रधान मंत्री फाम मिन्ह चीन्ह से मुलाकात करेंगे।

जवाबी टैरिफ को लेकर अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध छिड़ा है। दोनों देश एक-दूसरे पर भारी भरकम टैरिफ लगा रहे हैं। इस बीच चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दक्षिण पूर्व एशिया के दौरे की शुरुआत की। वे सोमवार को वियतनाम पहुंचे। यहां शी ने कहा कि व्यापार युद्ध या टैरिफ युद्ध में कोई विजेता नहीं होता है। दोनों देशों को बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली, स्थिर वैश्विक औद्योगिक, आपूर्ति श्रृंखलाओं और खुले व सहकारी अंतरराष्ट्रीय वातावरण की दृढ़ता से रक्षा करनी चाहिए।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग वियतनाम पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि अमेरिका की तरफ से बढ़ते दबाव को देखते हुए चीन ने समर्थन जुटाने के लिए यह कदम उठाया है। हालांकि विशेषज्ञ बताते हैं कि यह यात्रा पहले से प्रस्तावित थी, लेकिन टैरिफ युद्ध ने इसे अहम बना दिया है। वियतनाम में चीनी राष्ट्रपति वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव टो लैम के साथ-साथ प्रधान मंत्री फाम मिन्ह चीन्ह से मुलाकात करेंगे।

सिंगापुर के ISEAS-यूसुफ इशाक इंस्टीट्यूट के विजिटिंग फेलो गुयेन खाक गियांग ने कहा कि शी की यात्रा से चीन दक्षिण-पूर्व एशिया को दिखा सकता है कि वह एक जिम्मेदार महाशक्ति है, वह डोनाल्ड ट्रम्प के तहत अमेरिका के पूरी दुनिया के सामने पेश होने के तरीके से अलग है।

गुयेन ने कहा कि वियतनाम, मलयेशिया और कंबोडिया की यात्रा इसलिए भी है कि चीन वास्तव में ट्रंप के खिलाफ खुद को कैसे बचा सकता है। 2013 में चीन के राष्ट्रपति बनने के बाद से, उन्होंने केवल दो बार वियतनाम का दौरा किया है। यह उनकी तीसरी यात्रा है और दिसंबर 2023 में उनकी पिछली यात्रा के ठीक एक साल बाद हो रही है।

अंतरराराष्ट्रीय संकट समूह में हुआंग ले-थु ने कहा कि यात्रा का समय एक मजबूत राजनीतिक संदेश भेजता है कि दक्षिण पूर्व एशिया चीन के लिए महत्वपूर्ण है। ट्रंप के टैरिफ से दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र भी चिंतित हैं कि अगर टैरिफ लागू किए गए तो उनके विकास को जटिल बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि शी की यात्रा यह दिखाने के लिए है कि चीन किस तरह से दबावपूर्ण और स्वार्थी अमेरिका के विपरीत है। इस संकट के समय में चीन किस तरह का नेतृत्व और पहल करने जा रहा है।

वियतनाम के दोनों देशों से रिश्ते
वियतनाम को अमेरिका और चीन के साथ अपने संबंधों को संतुलित करने का पुराना अनुभव है। यह चीन की तरह एक कम्युनिस्ट, एक-पक्षीय प्रणाली के तहत चलता है, लेकिन अमेरिका के साथ इसके मजबूत संबंध रहे हैं। 2023 में यह एकमात्र ऐसा देश था जिसने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीन के शी जिनपिंग दोनों का स्वागत किया था। वहीं चीन वियतनाम का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2024 में चीन-वियतनाम व्यापार में साल-दर-साल 14.6% की वृद्धि हुई। मौजूदा व्यापार युद्ध के बाद वियतनाम के सामने संकट है। वियतनाम के बाद शी जिनपिंग के मलयेशिया और कंबोडिया जाने की उम्मीद है।

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