ठंड में क्यों होने लगती है हाथ-पैर की उंगलियों में सूजन

ठंड के कारण ये वाहिकाएं पहले सिकुड़ जाती हैं और फिर तेजी से फैलने पर उन्हें क्षति पहुंचती है। इस क्षति के कारण वाहिकाओं से तरल पदार्थ रिसकर आस-पास के ऊतकों में जमा हो जाता है, जिससे उंगलियों में सूजन, लालिमा और दर्द होता है। चिलब्लेन्स की समस्या उन लोगों में अधिक होती है जिनका रक्त परिसंचरण पहले से कमजोर होता है। इस दर्दनाक समस्या से बचने के लिए, हमें केवल गर्म कपड़े पहनना ही नहीं, बल्कि ठंड और गर्मी के बीच संतुलन बनाए रखना सीखना होगा।
रक्त वाहिकाओं का संकुचन और फैलाव
चिलब्लेन्स का मूल कारण रक्त वाहिकाओं का अनियंत्रित फैलाव है। ठंड के संपर्क में आने पर, शरीर की उंगलियों की छोटी रक्त वाहिकाएं गर्मी बचाने के लिए तेज़ी से सिकुड़ जाती हैं। लेकिन जब आप अचानक किसी गर्म जगह पर आते हैं (जैसे हीटर के पास या गर्म पानी में), तो ये वाहिकाएं बहुत तेजी से फैल जाती हैं। यह अचानक फैलाव उन्हें क्षतिग्रस्त कर देता है, जिससे तरल पदार्थ रिसता है और सूजन आ जाती है।
क्यों महिलाओं में अधिक होती है ये समस्या?
अक्सर गृहणी महिलाएं किचन में काम करती हैं, जहां वो देर तक पानी के सीधे संपर्क में रहती हैं। उंगलियों में नमी या पानी होने पर ठंड लगने से भी यह समस्या बढ़ जाती है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि ऐसी स्थिति से बचने के लिए पैर में आरामदायक जूते पहने पानी के संपर्क में देर तक रहने से बचें। ध्यान रखें कि सर्दियों में तंग जूते पहनने से भी रक्त परिसंचरण बाधित होता है, जिससे उंगलियों तक खून का बहाव ठीक से नहीं हो पाता और परेशानी बढ़ जाती है।
बचाव का सबसे पहला और आसान उपाय
चिलब्लेन्स से बचने का सबसे आसान उपाय है ठंड से क्रमिक रूप से निपटना। ठंड से आने के बाद अपने हाथों और पैरों को अचानक गर्म न करें। हीटर के पास सीधे न बैठें या तुरंत गर्म पानी में न डालें। इसके बजाय हाथों और पैरों के नमी को पहले सुखे कपड़े से पोछ लें इसके बाद सरसों के तेल से उसकी हल्की मालिश करें, जिससे उगलियां सामान्य तापमान पर आ जाएंगे, फिर धीरे-धीरे गर्म होने दें।
सुरक्षा के साथ बरतें ये सावधानियां-
बाहर निकलते समय हमेशा दस्ताने और गर्म, आरामदायक जूते पहनें।
रक्त संचार को बेहतर बनाने के लिए रोजाना हल्के हाथों से मालिश करें।
देर तक हाथ-पैर की उंगलियों को पानी के संपर्क में न रखें।
नियमित हल्के व्यायाम भी से रक्त परिसंचरण सुधरता है।



