डेढ़ महीने बाद युद्ध विराम के लिए क्यों राजी हुए हमास-इस्राइल,पढ़े पूरी खबर
7 अक्तूबर 2023 से युद्धरत हमास और इस्राइल आखिरकार युद्ध विराम के लिए तैयार हो गए हैं। अमेरिका ने गाजा में पांच दिनों के युद्ध विराम के बदले में दर्जनों बंधकों को रिहा करने के लिए इस्राइल-हमास के बीच एक समझौता कराया है।
हमास और इस्राइल युद्ध में डेढ़ महीने से ज्यादा का वक्त गुजर जाने के बाद दोनों पक्ष युद्ध विराम के लिए राजी हो गए हैं। इसी कड़ी में बुधवार को इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हमास के साथ संघर्ष विराम करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी।
आइये जानते हैं कि आखिर हमास-इस्राइल के बीच युद्ध विराम का समझौता क्या है? संघर्ष विराम का फैसला क्यों लिया गया? क्या यह युद्ध की समाप्ति का संकेत है, आगे क्या होगा?
हमास-इस्राइल के बीच युद्ध विराम का समझौता क्या है?
7 अक्तूबर से युद्धरत पक्ष हमास और इस्राइल आखिरकार युद्ध विराम के लिए तैयार हो गए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका ने गाजा में पांच दिनों के युद्ध विराम के बदले में दर्जनों बंधकों को रिहा करने के लिए इस्राइल और हमास के बीच एक समझौता कराया है।
समझौते के तहत 7 अक्तूबर से गाजा में हमास और अन्य समूहों द्वारा बंधक बनाई गई 50 महिलाओं और बच्चों को रिहा किया जाना है। एक अमेरिकी अधिकारी ने जानकारी दी कि रिहा होने वालों में तीन अमेरिकी नागरिक होंगे, जिनमें चार साल की एक लड़की भी शामिल है। अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि समझौते के तहत पहली रिहाई गुरुवार (23 नवंबर) तक होनी चाहिए।
उधर हमास ने दावा किया है कि इस्राइल 150 फलस्तीनी कैदियों को इस्राइली जेलों से रिहा करेगा, जिसमें सभी महिलाएं और बच्चे भी शामिल होंगे। इसके साथ ही वह रोजाना सैकड़ों ट्रकों को मिस्र के साथ लगने वाली राफा सीमा पार करने की अनुमति देगा। इससे गाजा में फलस्तीनियों को मानवीय आपूर्ति प्रदान की जाएगी।
सहमति में और क्या-क्या शामिल है?
समझौते को लेकर हमास का दावा है कि इस्राइल दक्षिणी गाजा में हवाई उड़ानें बंद कर देगा और उन्हें उत्तरी इलाके में रोजाना छह घंटे तक ही संचालित करेगा। सहमति में यह भी निर्णय लिया गया है कि इस्राइली सेना युद्ध विराम के दौरान गाजा में सैन्य वाहन नहीं लाएगी, न ही किसी को हिरासत में लेने की कोशिश करेगी।
इस बीच नेतन्याहू सरकार ने कहा कि प्रत्येक 10 अतिरिक्त बंधकों की रिहाई के लिए युद्ध विराम को एक दिन के लिए बढ़ाया जाएगा।
आखिर डेढ़ महीने बाद समझौता क्यों हुआ?
7 अक्तूबर को हमास ने अचानक हमला कर 200 से ज्यादा इस्राइली समेत कई देशों के नागरिकों को बंधक बना लिया था। हालांकि, डेढ़ महीने के बाद भी इन बंधकों की रिहाई न होने के बाद इनके परिजन विरोध प्रदर्शन के लिए सड़क पर उत्तर आए हैं। इस बीच, प्रभावित परिवारों ने सोमवार रात को इस्राइली युद्ध कैबिनेट के सदस्यों से मुलाकात की और इसके बाद ‘उन्हें घर लाओ’ नाम का एक अभियान चलाया।
इसके अलावा गाजा में हर दिन खराब होती मानवीय स्थिति के चलते इस्राइल पर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ रहा है। कहा गया कि इस्राइली सेना द्वारा की गई बमबारी और उसके बाद जमीनी आक्रमण ने यहां मानवीय संकट पैदा कर दिया है। गाजा में भोजन, पानी, ईंधन और दवाओं की बेहद कमी है। 23 लाख की आबादी वाली गाजा पट्टी में 17 लाख लोग विस्थापित हो गए हैं। इसके अलावा क्षेत्र में मौजूद 36 में से केवल 10 अस्पताल ही फिलहाल काम कर रहे हैं।
क्या यह युद्ध की समाप्ति का संकेत है, आगे क्या होगा?
जानकारों का मानना है कि हमास फिर से संगठित होने के लिए किसी भी युद्धविराम का इस्तेमाल करना चाहता है। कहा गया है कि हमास धीरे-धीरे इस्राइल की जेलों में बंद और अधिक कैदियों को रिहा करने की मांग करके युद्धविराम बढ़ाने की कोशिश कर सकता है।
वहीं, दूसरी ओर इस्राइल की ओर देखें तो वह इस मुहाने पर आकर जवाबी कार्रवाई नहीं रोकना चाहेगा। इस्राइल के तीन उद्देश्य अभी पूरे नहीं हुए हैं जिसके लिए उसने हमास को जड़ से मिटाने की कसम खाई थी। इस्राइली सेना ने अभी तक पूरे उत्तरी गाजा पर कब्जा नहीं किया है। मंगलवार को उसने हमास के गढ़ माने जाने वाले जबालिया इलाके को घेर लिया। इसके अलावा इस्राइली सेना ने जबालिया के नजदीक इंडोनेशियाई अस्पताल को भी अपने नियंत्रण में ले लिया, जो उत्तरी इलाके में एकमात्र कार्यरत बड़ा चिकित्सा केंद्र है।
इसके साथ ही इस्राइली सेना का ध्यान गाजा के दक्षिण और विशेष रूप से खान यूनिस शहर पर भी है। आईडीएफ का मानना है कि हमास का नेतृत्व खान यूनिस शहर पर मौजूद है और बाकी बंधकों को भी यहीं रखा जा सकता है। कुछ इस्राइली सैन्य नेताओं का तर्क है कि हमास को बड़ा झटका देने के लिए शहर पर हमला करना होगा।
इस बीच इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंत्रिमंडल को बताया है कि उन्हें लड़ाई फिर से शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा कि संघर्षविराम के बाद इस्राइल नहीं रुकेगा।