ड्रोन में तबदील नहीं होंगे मिग-21: एयरफोर्स के संग्रहालयों में सहेजे जाएंगे…

मिग 21 विमानों को आगामी युवा पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए विभिन्न संस्थानों और संग्रहालयों में रखे जाने की योजना पर भी विचार चल रहा है। युवाओं को इस विमान के शौर्य और पराक्रम की कहानियां बताई जाएंगी और उन्हें वायुसेना में भर्ती करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

मिग-21 को अलविदा उड़ान देने के बाद अब इनका क्या होगा, यह भी काफी चिंतन-मंथन का विषय है। इधर इस लड़ाकू विमान की विदा करने की तैयारियां चल रही थीं तो दूसरी ओर इस बात पर विचार-विमर्श चल रहा है कि जंगी बेड़े से बाहर होने के बाद अब इनका क्या किया जाएगा। क्या इन्हें ड्रोन में तबदील कर दिया जाएगा या फिर इनका कोई दूसरा इस्तेमाल होगा।

18 मिग 21 बचे हैं
वायुसेना के सूत्र बताते हैं कि रिटायर्ड होने बाद ये विमान ड्रोन में तबदील नहीं किए जाएंगे। इनका इस्तेमाल युवा पीढ़ी को प्ररेणा देने के लिए किया जाएगा। ये अभी करीब 18 बचे हुए हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद जिस तरह से युद्ध का नया परिवेश सामने आया है, उसमें यह साफ हो गया कि अब मानव रहित विमानों यानी ड्रोनों की काफी जरूरत रहेगी। इसी के मद्देनजर भारतीय सेना ने अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।

ड्रोन क्रांति का दाैर
आर्मी की बहुत सी कोर अपने-अपने तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से खुद ही स्वदेशी ड्रोन बना रही हैं। कई सैन्य यूनिटों में ड्रोन तैयार हो रहे हैं। मिग-21 के विदाई समारोह में पहुंचे वेस्टर्न कमांड के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार भी साफ कर चुके हैं कि यह वक्त भारतीय सेना में ड्रोन क्रांति का दौर है और कई यूनिटों में तकनीकी विंगों के विशेषज्ञ इन पर काम कर रहे हैं। विभिन्न खूबियों के साथ कई ड्रोन तैयार हो गए हैं और जल्द ही यह ऑपरेशनल हो जाएंगे।

इसी के मद्देनजर भारतीय वायुसेना भी अपने रिटायर हो रहे विमानों को ड्रोन में बदलने का विचार कर रही है लेकिन इसमें कई तरह की पेचीदगियां सामने आ रहीं हैं। वायुसेना के एक आला अफसर बताते हैं कि मिग-21 को ड्रोन में कन्वर्ट नहीं किया जाएगा। यह विमान एक अनूठी फ्लाइंग मशीन है और एयरफोर्स के साथ इनका गहरा व भावनात्मक जुड़ाव रहा है। मिग-21 को ड्रोन में तबदील करने के दौरान बहुत ज्यादा खर्च आएगा और इस शायद इस खर्च में नए ड्रोन बन जाएंगे।

उधर, सूत्र बताते हैं कि वायुसेना मुख्यालय में विभिन्न संस्थानों के भी कई आवेदन पहुंच चुके हैं, जिनमें इन विमानों को संग्रहालयों में रखे जाने का आग्रह किया गया है। वहीं, इन विमानों को देशभर के विभिन्न सैन्य छावनियों के सार्वजनिक चौराहों पर लगाए जाने की भी योजना पर विचार चल रहा है। चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन में पहले रिटायर्ड हो चुके दो मिग-21 विमानों को बतौर प्रदर्शनी लगा दिया गया है।

Related Articles

Back to top button