दिल्ली-एनसीआर की राह अब और होगी आसान, प्रदूषण भी हो जाएगा कम

रेलवे ने इस साल कई नई ट्रेनों को लॉन्च करने की योजना तैयार की है। इसमें नमो भारत ट्रेन तो शामिल है ही साथ ही नई मेन लाइन इलेक्ट्रिकल मल्टिपल यूनिट (मेमू) ट्रेन भी पटरी पर दौड़ेगी।
दिल्ली एनसीआर की राह अब और आसान होगी। रेलवे ने इस साल कई नई ट्रेनों को लॉन्च करने की योजना तैयार की है। इसमें नमो भारत ट्रेन तो शामिल है ही साथ ही नई मेन लाइन इलेक्ट्रिकल मल्टिपल यूनिट (मेमू) ट्रेन भी पटरी पर दौड़ेगी।
इसके अलावा वंदे भारत कुर्सीयान श्रेणी वाली ट्रेन का भी निर्माण किया जाएगा। इन ट्रेनों के चलने से दिल्ली आसपास की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इनके निर्माण से एक तरफ यात्रा सुगम होगी, वहीं दिल्ली में प्रदूषण का स्तर भी कम होगा।
मुंबई लोकल की तरह अब एनसीआर में भी लोकल ट्रेनों की भरमार होगी। रेलवे ने ऐलान किया है कि 50 मेमू ट्रेन का निर्माण किया जाएगा। इन ट्रेनों के ट्रैक पर उतरने से दिल्ली, गाजियाबाद, रोहतक, जिंद, पानीपत, सोनीपत समेत एनसीआर के अन्य शहरों की आपस में दूरी कम हो जाएगी और समय की बचत होगी।
मेमू ट्रेन इंटरसिटी एक्सप्रेस की दूरी भी तय कर सकती है। सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन होने की वजह से इसकी रफ्तार भी अधिक होगी। इसके अलावा रेलवे ने 50 नामो भारत ट्रेन निर्माण की भी घोषणा की है।
इस ट्रेन के चलने से दिल्ली-मेरठ के बीच ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी और एनसीआर को एक नई तरह की सार्वजनिक यातायात का संसाधन मिल जाएगा। नई वंदे भारत कुर्सीयान श्रेणी वाली ट्रेनें धीरे-धीरे शताब्दी ट्रेन की जगह ले रही हैं। इतनी ट्रेन ट्रैक पर उतरने से 500 किलोमीटर की दूरी तय करने में आसानी होगी।
दिल्ली-लखनऊ, दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-कानपुर, दिल्ली-वाराणसी, दिल्ली-अजमेर समेत अन्य रूट पर 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेन की तादाद बढ़ जाएगी और एनसीआर के बाहर का सफर भी आसान होगा।
लंबी दूरी के लिए भी ट्रेन निर्माण का एलान
दिल्ली एनसीआर ही नहीं लंबी दूरी के लिए भी रेलवे कई श्रेणी की ट्रेन निर्माण कर रहा है। रेलवे ने 260 नई वंदे भारत स्लीपर श्रेणी वाली ट्रेन निर्माण करने का ऐलान किया है।
इन ट्रेनों के चलने से यात्रियों को काफी सहूलियत होगी। इसी तरह आम लोगों के लिए 100 नई अमृत भारत ट्रेन निर्माण करने की भी योजना है। यह ट्रेन लंबी दूरी वाली होगी। इतनी ट्रेन चलने से सार्वजनिक वाहन की संख्या बढ़ेगी। इससे प्रदूषण की समस्या भी कम होगी।