दिल्ली देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर… एनसीआर में नोएडा, ऐसे बने ग्रैप 4 के हालात

राजधानी में हवा की धीमी गति और खराब मौसम के चलते शनिवार को हवा इस साल की सबसे खराब श्रेणी में पहुंच गई। इसकी वजह से देश के सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली का स्थान तीसरा दर्ज हुआ। सुबह की शुरुआत धुंध और कोहरे से हुई और पूरे दिन आसमान में स्मॉग की मोटी चादर के चलते दृश्यता भी कम रही। सांस लेने में हो रही दुश्वारी के बीच लोग मास्क पहने नजर आए। लोगों को आंख में जलन की दिक्कत भी हुई।

इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 446 दर्ज किया गया जो हवा की बेहद खराब श्रेणी है। इसमें शनिवार की तुलना में 82 सूचकांक की बढ़ोतरी दर्ज की गई। एनसीआर में नोएडा की हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही। यहां एक्यूआई 455 दर्ज किया गया। ग्रेटर नोएडा में 442 और गुरुग्राम में 322 एक्यूआई दर्ज किया गया। फरीदाबाद में एक्यूआई 214 दर्ज किया गया। यह हवा की खराब श्रेणी है।

सीपीसीबी के अनुसार, शनिवार को हवा पूर्वी दिशा से 5 किलोमीटर प्रतिघंटे के गति से चली। अनुमानित अधिकतम मिश्रण गहराई 850 मीटर रही। इसके अलावा, वेंटिलेशन इंडेक्स 1000 मीटर प्रति वर्ग सेकंड रहा। दोपहर तीन बजे हवा में पीएम10 की मात्रा 425.7 और पीएम2.5 की मात्रा 258.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि सोमवार को हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंचेगी जिसकी वजह से सांस के मरीजों को परेशानी से जूझना होगा। कई इलाकों में गंभीर और बेहद खराब श्रेणी में हवा दर्ज की गई।

इन वजहों से पहुंचा एक्यूआई 446
दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, वाहन से होने वाला प्रदूषण 14.29 फीसदी रहा। पेरिफेरल उद्योग से 6.86, आवासीय इलाकों से 3.69 और निर्माण गतिविधियों से 1.85 फीसदी की भागीदारी रही

दिल्ली में हवा की रफ्तार आमतौर पर दस किमी प्रति घंटे से कम है। ठंड बढ़ने से प्रदूषण के कण ज्यादा देर तक वायु मंडल में बने हुए हैं। विशेषज्ञों की मानें तो अगले तीन-चार दिनों तक प्रदूषित हवा से राहत मिलने की संभावना नहीं है

कारपूलिंग पर जोर
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए शनिवार को करीब 40 स्टार्टअप संस्थापकों और बिजनेस प्रतिनिधियों ने बैठक की। बैठक सेंट्रल पार्क में हुई। बैठक में मोबिलिटी, कृषि, वायु शुद्धिकरण से जुड़े स्टार्टअप्स ने समाधान साझा किए और उन्हें बड़े स्तर पर लागू करने में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की। कारपूलिंग प्लेटफॉर्म क्विक राइड के सह-संस्थापक विशाल लवटी ने कहा कि निजी वाहन प्रदूषण का बड़ा कारण हैं।

हाइब्रिड मोड में कराई जाएगी कक्षा 9, 11 तक के छात्रों की पढ़ाई
दिल्ली की हवा बेहद खराब स्तर पर पहुंचने के बाद सरकार ने स्कूलों को लेकर अहम फैसला लिया है। ग्रेप-4 लागू होने के बीच कक्षा 9 और 11 तक के छात्रों की पढ़ाई अब हाइब्रिड मोड में कराई जाएगी। यानी जहां संभव होगा, वहां बच्चे स्कूल आकर पढ़ सकेंगे और साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प भी खुला रहेगा। शिक्षा निदेशालय ने कक्षा 9 और 11 तक के छात्रों के लिए नई व्यवस्था का आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक दिल्ली के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में इन कक्षाओं की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में कराई जाएगी। निदेशालय ने साफ किया है कि यह फैसला वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग यानी सीएक्यूएम के शनिवार के आदेश के बाद लिया गया है।

कब-कब लागू होते हैं ग्रेप के नियम

201 से 300 (खराब)- ग्रेप-1
301-400 (बहुत खराब- ग्रेप-2
401 से 450 (गंभीर)- ग्रेप-3
450 से ऊपर (अति गंभीर)- ग्रेप- 4

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