पंजाब में बाढ़: तीन सितंबर तक सभी स्कूल-काॅलेज बंद…

पंजाब की बाढ़ और रोजाना हो रही बारिश अब जानलेवा होती जा रही है। बाढ़ की स्थिति के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री भगवंत मान से बात की और बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया रविवार को अबोहर, संगरूर और अमृतसर में मकानों की छत गिरने की वजह से दो महिलाओं समेत तीन लोगों की मौत हुई है।

मानसा में दीवार गिरने से एक बुजुर्ग की मौत हो गई। इस घटना का सीसीटीवी वीडियो रौंगटे खड़े कर देने वाला है। इसमें एक बुजुर्ग जगजीवन सिंह साइकिल से जा रहे हैं। अचानक पास में खड़ी दीवार गिरने का उन्हें अहसास होता है। जब तक वह बचने की कोशिश करते हैं, दीवार उनके ऊपर गिर जाती है। इस हादसे में उनकी मौके पर ही मौत हो गई। सरकारी आंकड़ों के अनुसार बाढ़ और बारिश जनित हादसों के कारण अब तक 27 लोगों की जान जा चुकी है। सोमवार को भारी बारिश के कारण जालंधर के कई इलाकों में पानी भर गया है और दामोरिया पुल पूरी तरह से डूब गया है। बाढ़ संकट के बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान आज होशियारपुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। मान होशियारपुर में राहत केंद्र में मौजूद लोगों से भी मुलाकात करेंगे और टांडा में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा भी करेंगे।

122 राहत शिविर स्थापित
सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलों में कुल 122 राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां खाने-पीने और दवाइयों का पूरा इंतजाम किया गया है। रविवार को भी सेना ने हेलिकॉप्टर और ड्रोन के माध्यम से बाढ़ में फंसे लोगों तक दवाइयां और खाने-पीने का सामान पहुंचाया। विभिन्न जिलों में मंत्रियों और विधायकों ने दौरा कर हालातों का जायजा लिया और लोगों के साथ बात कर उन्हें हर तरह की मदद का आश्वासन भी दिया। वहीं शिक्षा विभाग ने पंजाब में बाढ़ के हालात व बारिश के अलर्ट के चलते छुट्टियों को आगे बढ़ा दिया है। स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि बाढ़ की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त और निजी स्कूल 3 सितंबर 2025 तक बंद रहेंगे। वहीं सीएम पंजाब के आदेश के बाद सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेज भी 3 सितंबर तक बंद कर दिए गए है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

राहत शिविरों में ठहराए 6582 लोग
बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्य जाेरों पर हैं। रविवार तक कुल 14936 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। इनमें अमृतसर से 1700, बरनाला से 25, फाजिल्का से 1599, फिरोजपुर से 3265, गुरदासपुर से 5456, होशियारपुर से 1052, कपूरथला से 362, मानसा से 163, मोगा से 115, पठानकोट से 1139 और जिला तरनतारन से अब तक 60 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। बाढ़ प्रभावित एरिया की वृद्धि के साथ ही राहत शिविरों की संख्या भी बढ़ाई गई है। अब तक सभी शिविरों में 6582 लोगों को ठहराया गया है।

गुरदासपुर में एनडीआरएफ की 6 टीमें तैनात
इस समय गुरदासपुर में एनडीआरएफ की 6 टीमें और फाजिल्का, फिरोजपुर, पठानकोट और अमृतसर में 1-1 टीम तैनात है। कपूरथला में एसडीआरएफ की 2 टीमें सक्रिय हैं। कपूरथला, गुरदासपुर, फिरोजपुर और पठानकोट में सेना, नौसेना और वायुसेना भी मोर्चा संभाले हुए हैं, जबकि बीएसएफ की 1-1 टीम गुरदासपुर और फिरोजपुर में राहत कार्यों में लगी हुई है। पंजाब पुलिस और फायर ब्रिगेड भी कपूरथला और फिरोजपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन की मदद कर रही है। इस समय कपूरथला में 15 नाव, फिरोजपुर में 12 और पठानकोट में 4 नाव लगाई गई हैं। जहां कहीं भी एयरलिफ्ट की आवश्यकता होती है, वहां तत्काल कार्रवाई की जा रही है।

आईटीआई की परीक्षाएं रद्द
पंजाब में बने मौजूदा हालातों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) की की आईटीआई) व्यावसायिक प्रशिक्षण परीक्षाओं को अगले आदेशों तक स्थगित कर दिया गया है। यह फैसला छात्रों और आईटीआई के स्टाफ की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने यह जानकारी दी है।

बैंस ने कहा कि बाढ़ के मद्देनजर छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में छुट्टियां घोषित की हैं। छुट्टियों के बावजूद कई जगहों से शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ निजी स्कूल अपनी मनमानी करते हुए अपने शिक्षकों को स्कूलों में बुला रहे हैं। इस संबंध में अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अब अगर किसी भी जिले में इस तरह की शिकायत मिलती है, तो संबंधित जिला प्रशासन द्वारा उचित कार्रवाई की जाएगी।

पूर्व मंत्री धालीवाल को सेना ने किया रेस्क्यू
नहर में अधिक पानी के आने के कारण पूर्व कैबिनेट मंत्री व विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल नहर में फंस गए थे, जिसके बाद सेना की तरफ से उन्हें रेस्क्यू किया गया। धालीवाल ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मैं हलके में नहर की मरम्मत में जुटा था लेकिन बहुत ज्यादा पानी आने की वजह से मेरा वहां से निकलना मुश्किल हो गया। इस दौरान 270 इंजीनियरिंग रेजिमेंट ने मुझे वहां से निकला। भारतीय सेना ने पंजाब पहले युद्ध के दौरान और अब बाढ़ में पंजाबियों की रक्षा कर रही है। पंजाब सेना का यह एहसान कभी नहीं भूलेगा।

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