पंजाब: सभी 13 सीटों पर लड़ेगी बसपा, हाईकमान को मिली 39 दावेदारों की सूची

राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार इस बार बसपा के पास अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका है, क्योंकि वह अकेले चुनाव लड़ रही है। इसके लिए उसे अपने पुराने नेताओं को एकजुट करना होगा। पार्टी ने वर्ष 2022 में शिअद के साथ गठबंधन करके कई सीटों पर कई अकाली नेताओं को पार्टी शामिल करके टिकट थमा दिया। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को नजरंदाज करने का खामियाजा ही पार्टी को अब भुगतना पड़ रहा है।
लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही सभी पार्टियों ने उम्मीदवार फाइनल करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी इस बार पंजाब की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया है।
पार्टी ने हाल ही में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) से गठबंधन खत्म करने की घोषणा की थी। बसपा ने सभी 13 सीटों पर टिकट के लिए 39 दावेदारों के नाम फाइनल किए हैं, जिसकी सूची हाईकमान को सौंप दी गई है। अब हाईकमान की तरफ से दो सप्ताह के अंदर बैठक बुलाई जाएगी और सभी सीटों पर उम्मीदवारों के नाम फाइनल किए जाएंगे। इस संबंध में बसपा पंजाब प्रधान जसवीर सिंह गढ़ी ने कहा कि उन्होंने पार्टी में टिकट के इच्छुक नेताओं की सूची फाइनल कर ली है, जिसमें कुल 39 नाम है। प्रत्येक सीट के लिए 3 के करीब आवेदन आए हैं।
गढ़ी ने बताया कि बसपा का इतिहास रहा है कि पार्टी हाईकमान की तरफ से ही उम्मीदवारों पर मुहर लगाई जाती है। पार्टी की तरफ से जिस किसी का नाम भी फाइनल किया जाएगा, उसे पूरा समर्थन दिया जाएगा। टिकट के दावेदारों में कुछ पुराने व नये नेताओं के नाम भी शामिल है।
2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी ने तीन सीटों से अपने उम्मीदवार उतारे थे। जालंधर एससी सीट से बलविंदर कुमार, होशियारपुर एससी सीट से खुशीराम और आनंदपुर साहिब सीट से विक्रम सिंह सोढी को उम्मीदवार बनाया गया था। इसी तरह विधानसभा चुनाव 2022 में फगवाड़ा सीट से जसवीर सिंह गढ़ी ने भी चुनाव लड़ा था। बता दें कि बसपा ने वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव में फिल्लौर सीट पर जीत दर्ज की थी, जबकि वर्ष 1992 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने पंजाब में 9 सीटों को अपने नाम करने करिश्मा किया था। ऐसा ही नतीजों की उम्मीद पार्टी इस लोकसभा चुनाव से लगा रही है। यही कारण है कि पार्टी ने गठबंधन न रह कर अकेले ही चुनाव मैदान में उतरने का फैसला लिया। पिछली विधानसभा चुनाव में पार्टी सिर्फ एक सीट जीतने में सफल रही, वो भी तब जब वह शिअद के साथ गठबंधन में थी।
पिछली बार बढ़ा था बसपा का वोट शेयर
पिछला लोकसभा चुनाव बसपा ने तीन सीटों पर लड़ा था और उसका वोट शेयर 3.52 प्रतिशत के करीब रहा था। वह पंजाब लोकतांत्रिक गठबंधन के साथ चुनाव में मैदान में उतरी थी, जबकि वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में बसपा ने 1.9 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया था। इस चुनाव में पार्टी ने सभी 13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इस तरह पिछले चुनाव में पार्टी का वोट शेयर बढ़ा है, जिसे वह आगे भी जारी रखने का प्रयास करेगी।