पंजाब सरकार का एक और ऐतिहासिक फैसला

पंजाब के चिकित्सा शिक्षा व अनुसंधान तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को डिजीटल और आधुनिक युग से जोड़ते हुए पटियाला के सरकारी राजिंदरा अस्पताल का पूर्ण ई-अस्पताल के रूप में उद्घाटन किया और यहां मुख्यमंत्री मरीज सहायता केंद्र को भी मरीजों के लिए समर्पित किया।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अब राजिंदरा अस्पताल में मरीजों को तेज, पारदर्शी और सहज स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान होंगी तथा राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के उद्देश्य से शीघ्र ही यह प्रणाली प्रदेश के सभी जिला और उपमंडल अस्पतालों में प्रारंभ की जाएगी। डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने “रंगला पंजाब” के सपने के तहत स्वास्थ्य, विकास, शिक्षा और रोजगार को प्राथमिकता देते हुए सरकारी राजिंदरा अस्पताल की पुरानी शान को बहाल किया है।

उन्होंने बताया कि यहां क्रिटिकल मैडीसिन, फैमिली मैडीसिन, पेलिएटिव और जेरिएट्रिक केयर के चार नए कोर्स शुरू किए जाएंगे। सुपर स्पैशलिटी अस्पताल को और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने के साथ-साथ 300 बिस्तरों का ट्रॉमा केयर अस्पताल बनाया जा रहा है ताकि किसी भी मरीज को वैंटीलेटर की कमी के कारण चंडीगढ़ रेफर न करना पड़े। डॉ. बलबीर सिंह ने समाज सेवी संस्थाओं का धन्यवाद करते हुए बताया कि किंग्स इलैवन पंजाब के तत्वावधान में राऊंड टेबल इंडिया द्वारा 30 लाख रुपए की लागत से तैयार किया गया मुख्यमंत्री मरीज सहायता केंद्र मरीजों और उनके परिजनों को बैठने, प्रतीक्षा करने, जन औषधि सुविधा प्राप्त करने और वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगों को हर तरह की मदद देने के लिए एक हेल्प डेस्क से सुसज्जित किया गया है।

उन्होंने कहा कि इससे मरीजों और डॉक्टरों के बीच संबंध और भी मजबूत होंगे तथा जो मरीज अपनी परेशानी लेकर राजिंद्रा अस्पताल आता है, वह यहां से संतुष्ट होकर लौटेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस मरीज सहायता केंद्र में कोई भी समाजसेवी संस्था आकर सेवा कर सकती है। ई-अस्पताल “डिजीटल इंडिया” पहल के अंतर्गत एन.आई.सी. द्वारा विकसित एक ओपन-सोर्स अस्पताल प्रबंधन प्रणाली के तहत राजिंदरा अस्पताल का पूर्ण डिजीटलाइजेशन हो गया है। मरीजों को कंप्यूटराइज्ड ओ.पी.डी. पर्ची और लैब सूचना प्रणाली के माध्यम से कंप्यूटराइज्ड रिपोर्टें भी मिलेंगी।

उन्होंने बताया कि बिलिंग मॉड्यूल के माध्यम से अस्पताल के सभी कार्य डिजीटल रूप से संचालित किए जा रहे हैं मरीज पंजीकरण, बिलिंग, लैब रिपोर्ट, प्रत्येक मरीज के लिए यूनिक हॉस्पिटल आईडी और कंप्यूटराइज्ड रसीदों के साथ बिलिंग और भुगतान भी डिजिटल हो गया है। डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि राज्य के मैडीकल और नर्सिंग विद्यार्थियों सहित अन्य विषयों के विद्यार्थियों को भी प्रारम्भिक स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करने की शुरुआत की गई है, और राज्य में 3 सरकारी और 5 निजी मैडीकल कॉलेजों सहित कुल 8 नए मैडीकल कॉलेज शीघ्र ही प्रारंभ होने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में इलाज की सुविधाएं बहुत महंगी होने के कारण पटियाला को मैडीकल हब बनाकर स्वास्थ्य सेवाओं को विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, हर पंजाबी को 10 लाख रुपये तक की इलाज सुविधा प्रदान कर पंजाब सरकार ने स्वास्थ्य क्रांति को और आगे बढ़ाया है।

इस अवसर पर डी.आर.एम.ई. डॉ. अवनीश कुमार, डायरैक्टर प्रिंसीपल डॉ. आर.पी.एस. सिबिया, मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डॉ. विशाल चोपड़ा, डॉ. सुधीर वर्मा, एन.आई.सी. से राज्य सूचना अधिकारी विवेक वर्मा, वरिष्ठ निदेशक धर्मेश कुमार, आई.टी. निदेशक संजीव शर्मा, एल.सी. गुप्ता, आनंद सरकारिया, विवेक कुमार, डॉ. दीपाली, डॉ. सीमा सहित पटियाला हेल्थ फाऊंडेशन, पटियाला इंडस्ट्री एसोसिएशन, जनहित समिति, लायंस क्लब, ब्लड डोनेशन संस्थाओं तथा अन्य समाज सेवी संगठनों के प्रतिनिधि, फैकल्टी और चिकित्सा विद्यार्थी उपस्थित थे।

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