पांडुलिपियों को टेक्स्ट में बदलेगा AI, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाने की सिफारिश

पांडुलिपियों को एआई आधारित प्लेटफॉर्म के जरिये ऑनलाइन खोजे जा सकने वाले लेख में बदलने और फिर विभिन्न भारतीय भाषाओं में इसका अनुवाद करने के लिए एडवांस्ड नॉलेज एक्सट्रैक्शन फ्रेमवर्क विकसित करने की योजना की एक सिफारिश संसदीय समिति ने की है।
परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में सलाह दी है कि संस्कृति मंत्रालय जमीनी स्तर के कर्मचारियों को पांडुलिपि मित्र बनाने के लिए गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर सकता है।
मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट
मंत्रालय को अनुदान की मांग की रिपोर्ट सौंपते हुए समिति ने कहा, ‘यह प्रशिक्षित पांडुलिपि मित्र, स्थानीय स्तर पर पांडुलिपियों के दस्तावेजीकरण, संरक्षण और डिजिटलीकरण में सहायता करने के लिए आवश्यक कौशल और जानकारी से लैस होंगे।’
इसमें कहा गया है कि इसमें अत्याधुनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में पांडुलिपि पटल 2.0 को जोड़ना चाहिए, जो तमाम भाषाओं और लिपियों वाली पांडुलिपियों के बीच एआई आधारित खोज की क्षमता से लैस हो।
इसमें संबंधित पांडुलिपियों को आपस में लिंक करने, सत्यापित शोधकर्ताओं को शैक्षिक जानकारी जोड़ने के साथ इसके लेख और अनुवाद में संपादन की भी अनुमति देना शामिल है। इसके लिए वर्जन कंट्रोल सिस्टम भी हो, ताकि पांडुलिपि के अर्थ में परिवर्तन को बाद में देखा भी जा सके। इस सिस्टम में ब्लॉक चेन तकनीक जोड़ने से यह और ज्यादा सुरक्षित, सत्यापित और बेहतर हो जाएंगी।