पापमोचनी एकादशी व्रत पर क्या खाएं और क्या नहीं?

पापमोचनी एकादशी का व्रत बहुत ही खास माना जाता है। एकादशी प्रत्येक माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। इस बार यह व्रत 25 मार्च को रखा जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से सभी दुखों का अंत होता है तो चलिए इस दिन से जुड़ी कुछ जरूरी (Papmochani Ekadashi 2025) बातों को जानते हैं।

पापमोचनी एकादशी का व्रत हर साल चैत्र महीने में एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस साल यह 25 मार्च को पड़ रहा है। ऐसा माना जाता है कि जो साधक इस व्रत को रखते हैं, उन्हें हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। इसके साथ ही पापों से मुक्ति मिलती है। भगवान विष्णु को एकादशी का व्रत बहुत ज्यादा प्रिय है, तो चलिए पापमोचनी एकादशी को सफल बनाने के लिए उसमें क्या खाएं और क्या नहीं उसके बारे (Papmochani Ekadashi 2025 Fast Rules) में जानते हैं।

पापमोचनी एकादशी पर क्या खाना चाहिए? (Papmochani Ekadashi 2025 Vrat Me Kya Khana Chahiye)
पापमोचनी एकादशी पर जो साधक उपवास रख रहे हैं, वे दूध, दही, फल, शरबत, साबुदाना, बादाम, नारियल, शकरकंद, आलू, मिर्च सेंधा नमक, राजगीर का आटा आदि चीजों का सेवन कर सकते हैं। वहीं, व्रती इस बात का ध्यान जरूर रख दें कि नारायण की पूजा के बाद ही कुछ खाएं। साथ ही प्रसाद बनाते समय पवित्रता का विशेष ध्यान दें, जिससे व्रत सफलता के साथ पूरा हो सके।

पापमोचनी एकादशी पर क्या नहीं खाना चाहिए? (Foods To Avoid On Papmochani Ekadashi 2025)
अगर आप पापमोचनी एकादशी पर व्रत कर रहे हैं, तो अपने खाने का पूरा ध्यान दें, क्योंकि यह व्रत को सफल और असफल बनाने में मुख्य भूमिका निभाता है। बता दें, व्रती को एकादशी व्रत के दिन भोजन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा इस तिथि पर तामसिक भोजन जैस- मांस-मदिरा प्याज, लहसुन, मसाले, तेल आदि से भी परहेज करना चाहिए।

इसके साथ ही इस व्रत (Significance Of Papmochani Ekadashi 2025) पर चावल और नमक का सेवन करने से भी बचना चाहिए। ऐसे में अगर आप इस व्रत का पालन कर रहे हैं, तो इन सभी बातों का जरूर ध्यान

प्रसाद अर्पित करने का मंत्र (Papmochani Ekadashi 2025 Bhog Mantra)
पापमोचनी एकादशी पर श्री हरि विष्णु को भोग चढ़ाते समय इस मंत्र ”त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।” का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से भोग स्वीकार हो जाता है। इसके साथ ही जीवन में सुख और शांति आती है।

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