पृथ्वी के करीब आ रहा है ‘तबाही का देवता’, जानें क्या धरती के लिए है खतरा?

एस्टेरॉयड को काफी लंबे समय से पृथ्वी के लिए खतरा बताया जाता है। अगर कभी धरती से एस्टेरॉयड की टक्कर होती है, तो तबाही मच सकती है। कहा जाता है कि एक बार पृथ्वी से एस्टेरॉयड टकराया था, जिसके बाद डायनासोर खत्म हो गए थे। इसके बाद कई बार पृथ्वी के पास से गुजरने वाले एस्टेरॉयड के टकराने की संभावना जताई गई, लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ। एक एस्टेरॉयड पृथ्वी के पास गुजरेगा, जिसका नाम एपोफिस है। इस एस्टेरॉयड को लेकर वैज्ञानिकों में काफी दिलचस्पी है।

एस्टेरॉयड एपोफिस को तबाही का देवता कहा जाता है। यह साल एपोफिस 2029 में पृथ्वी के बेहद करीब (20,000 मील की दूरी) पर होगा। पहली बार ऐसा होगा जब इस आकार का कोई एस्टेरॉयड धरती के इतने करीब से गुजरेगा। 13 अप्रैल, 2029 को एपोफिस पूर्वी गोलार्ध से नजर आएगा। इसमें यूरोप, अफ्रीका और पश्चिमी एशिया के कुछ इलाके शामिल हैं। यह आकाश में एक चमकीली लकीर के रूप में दिखेगा। एक तेज गति से चलने वाले तारे जैसा होगा। बिना दूरबीन के इसे देखा जा सकेगा।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एपोफिस एस्टेरॉयड प्रारंभिक सौर मंडल का अवशेष है। इसका निर्माण 4.6 बिलियन साल पहले मंगल और बृहस्पति के बीच क्षुद्रग्रह बेल्ट में हुआ था। इस पर बृहस्पति जैसे बड़े ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण बलों का प्रभाव पड़ा है।

इस एस्टेरॉयड का नाम अव्यवस्था और अराजकता के प्राचीन मिस्र के देवता पर रखा है। यह ऐसे एस्टेरॉयड की वजह से संभावित तबाही को दर्शाता है। अपोफिस का नाम राक्षस सर्प के नाम पर रखा गया है, जो बुराई और अराजकता का प्रतीक है।

धरती के लिए है खतरा?
धरती के करीब से एपोफिस गुजरेगा, लेकिन नजदीक होने के बावजूद भी इससे पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है। साल 2004 में इसकी खोज के बाद खतरनाक एस्टेरॉयड के तौर पर इसकी पहचान की गई है। हालांकि, 2029 में इसके प्रभाव से किसी भी खतरे को खारिज कर दिया गया है। इसके पृथ्वी से टकराने की कोई संभावना नहीं है। अगर एपोफिस एस्टेरॉयड अगर पृथ्वी से टकराता है तो इससे बहुत भयानक तबाही होगी।

एपोफिस से होने वाली तबाही प्रभाव स्थल से कई सौ किलोमीटर तक फैल जाएगी। प्लेनेटरी सोसाइटी मानती है कि इससे 1,000 मेगाटन टीएनटी से अधिक उर्जा पैदा होगी, जो सैकड़ों परमाणु हथियारों के बराबर है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की एक टीम एपोफिस पर नजर रखी हुई है। यह टीम इस एस्टेरॉयड के प्रभाव का विश्लेषण करेगी। नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।

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