प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिम्सटेक के सम्मेलन को वर्चुअली किया संबोधित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिम्सटेक (बे आफ बंगाल इनिशिएटिव फार मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनोमिक कोआपरेशन) के सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित किया। पीएम ने कहा कि बिम्सटेक की स्थापना का ये 25वां वर्ष है इसलिए आज के समिट को मैं विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानता हूं। इस लैंडमार्क समिट के परिणाम बिम्सटेक के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखेंगे।
मोदी ने आगे कहा कि पिछले 2 सालों के चुनौतीपूर्ण माहौल में राष्ट्रपति राजपक्षे ने बिम्सटेक को कुशल नेतृत्व दिया है। जिसके लिए मैं उनका अभिनंदन करता हूं। आज के चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिप्रेक्ष्य में से हमारा क्षेत्र अछूता नहीं रहा है। हम अभी भी कोरोना के दुष्प्रभावों को झेल रहे हैं।
बता दें कि इस बार के बिम्सटेक सम्मेलन को श्रीलंका आयोजित कर रहा है। बिम्सटेक की तैयारियों के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक 28 मार्च को हुई थी। इसके अगले दिन यानी 29 मार्च को विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सातों सदस्य देशों (भारत, श्रीलंका, म्यांमार, बांग्लादेश, भूटान, थाइलैंड व नेपाल) से आतंकवाद और हिंसक कट्टरता के खिलाफ सामूहिक नीति बनाने का आह्वान किया।
आतंकवाद की चुनौतियों को नहीं कर सकते नजर अंदाज
मंगलवार को हुई बैठक में एस जयशंकर ने कहा कि हम आतंकवाद और हिंसक कट्टरता की चुनौतियों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। इसी तरह से मादक पदार्थो के कारोबार और साइबर हमले भी बड़ी चुनौतियां हैं। हमारे बीच एक कानूनी ढांचा होना चाहिए ताकि हमारी कानूनी जांच एजेंसियों के बीच इस तरह की चुनौतियों के खिलाफ ज्यादा करीबी व प्रभावशाली संपर्क स्थापित हो सके।
क्या है बिम्सटेक?
बे आफ बंगाल इनिशिएटिव फार मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनोमिक कोआपरेशन बंगाल की खाड़ी से सटे हुए और पास के देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है। बिम्सटेक में बंगाल की खाड़ी के आसपास के सात सदस्य देश शामिल हैं। इसमें भारत के अलावा बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड शामिल हैं। इस संगठन का लक्ष्य आर्थिक विकास, देश की सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने और साझा हितों के मुद्दों पर बातचीत स्थापित करने के लिए अन्य साथी सदस्य देशों के बीच विचार-विमर्श किया जाता है।