बिहार: पूरी रात डर के साए में सोये नहीं लोग, गहरे कुएं से आ रही थी रोने की आवाज
शिक्षक आशुतोष कुमार सोलंकी ने बताया कि कुएं से रोने की आ रही आवाज के बाद लोग डर गए। रात भर सो नहीं पाए। प्रशासन को भी सूचना दी। कुछ लोगों ने ने किसी तरह हिम्मत जुटाकर कुएं के पास पहुंचे। टॉर्च की रोशनी में 30 फीट गहरे कुएं के अंदर झांका तो हैरान रह गए।
बिहार के गया जिले के एक कूंए से रात में अचानक रोने की आवाज सुन पूरी रात डर की साए में गांव वालों की गुजारी। हालांकि सुबह हुई तो लोगों ने हिम्मत जुटाई और कूंए के पास पहुंचे और देखा तो दंग रह गए। देखते-देखते गांव वालों की भीड़ जुट गई। देर रात से उक्त कुएं में सियार गिर गया था। आनन-फानन में ग्रामीणों ने वन विभाग को जानकारी दी। उसके बाद सियार को निकालने में जुट गए। कुएं में सियार देखा तब गांव वालों ने राहत की सांस ली। मिली जानकारी के मुताबिक गया जिले के खिजरसराय थाना क्षेत्र के मकसूदपुर गांव में सियार ने कुछ महीने पहले आतंक मचाया था। उस दौरान सियार की झुंड ने कई ग्रामीणों पर हमला कर घायल कर दिया था।
कुएं से अचानक रोने की आवाज सुनाई दी
इसी क्रम में बुधवार की देर रात नगरियावां गांव के एक कुएं से अचानक रोने की आवाज सुनाई दी। रोने की आवाज सुनकर गांव वाले पूरी रात डर के साए में रहे। हालांकि गुरुवार को लोगों ने हिम्मत जुटाई और कूंए के समीप पहुंचे तो देखा कुएं के अंदर से सियार की रोने की आवाज आ रही है। देखते-देखते ग्रामीणों की भीड़ लग गई। 30 फीट गहरे कुएं में गिरे सियार को देखने के लिए आसपास के गांव के ग्रामीणों की भीड़ लग गई है। लोगों ने बताया कि बुधवार की देर रात कुएं से रोने की आवाज सुनाई दे रही थी। सुबह हिम्मत जुटाई और कुएं के पास पहुंते तो देखा सियार जा गिरा है। उसके बाद ग्रामीणों को इसकी जानकारी हुई है। ग्रामीणों के द्वारा वन विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई है।
रोने की आ रही आवाज के बाद लोग डर गए
इस संबंध में गांव के शिक्षक आशुतोष कुमार सोलंकी ने बताया कि कुएं से रोने की आ रही आवाज के बाद लोग डर गए । जब कुएं के पास जाकर देखा तो पता चला कि सियार गिरा पड़ा है। सियार डर से कुएं में दुबका है। गांव वालों ने सियार को बहार निकालने के लिए बांस का बल्ला के सहारा लिया, लेकिन वह नहीं निकल सका। शुक्र था कि कुएं में पानी नहीं था वरना सियार की पानी में डूब जाने से मौत हो जाती। कुएं के अंदर नीचे तक जाने के लिए सीढ़ी बना है, लेकिन सियार की आवाज से ग्रामीणों में डर है। जिसके बाद ग्रामीणों के द्वारा वन विभाग को इसकी सूचना दी गई है।