बिहार में अब थानों के बाहर लगाया जाएगा क्यूआर कोड

बिहार पुलिस अपनी कार्यप्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए एक नई पहल लेकर आई है। दरअसल, अब जिलों के हर थाने में क्यूआर कोड लगाया जाएगा। इसके जरिए लोग थानों की कार्यशैली के प्रति अपना फीडबैक दे पाएंगे। फिलहाल इसकी शुरुआत कोतवाली थाने से की गई।

आला अफसरों तक आसानी से पहुंचा सकेंगी शिकायतें
पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस पहल को शुरू करने का मकसद पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार करना और शिकायतकर्ताओं की बातों को शीघ्रता से सुनकर निपटारा करना है। इस फीडबैक सिस्टम के जरिए लोग बता पाएंगे कि थाने में दर्ज उनकी शिकायतों पर कितनी कार्रवाई की गई है। आम लोग और शिकायतकर्ता थानों में होने वाली अपनी परेशानियों को वरीय अधिकारियों तक सरलता से पहुंचा पाएंगे।

ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन फीडबैक की भी व्यवस्था
वहीं एएसपी सदर स्वीटी सेहरावत ने बताया कि जिले के थानों को दो कैटेगरी शहरी व ग्रामीण में विभाजित कर दिया गया है। शहरी थानों को क्यूआर कोड से मिले फीडबैक के आधार पर अंक दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि टॉप 5 में आने वाले थानों के आला अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा। जिन थानों का फीडबैक खराब मिलेगा, उसे सुधारने की कोशिश की जाएगी। बहुत ही साधारण तरीके से इस फार्म को तैयार किया गया है। ताकि किसी को परेशानी नहीं हो। थाने पर क्यूआर कोड के अलावा ऑफलाइन मोड में भी फीडबैक देने की व्यवस्था होगी। ताकि जो लोग स्मार्ट फोन नहीं चलाते हैं वह ऑफलाइन अपना फीडबैक दे सकते हैं। ग्रामीण इलाके के थानों में भी क्यूआर कोड लगाया जाएगा। लोग अपने मोबाइल से ही उसको स्कैन कर अपना फीडबैक दे सकेंगे।

बता दें कि पटना पुलिस ने यह लक्ष्य निर्धारित किया है कि थाने में आने वाले लोगों की शिकायतों को 30 मिनट के अंदर सुना जाएगा। जिन मामलों में एफआईआर नहीं होती, उनमें पुलिस को 30 दिनों के अंदर जांच पूरी करके स्पष्टीकरण देना होगा।

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