यूपी: खतरे में ताजमहल, यमुना में आया उफान कितना डालेगा प्रभाव

ताजमहल की यमुना से लगती दीवार पर बाढ़ का पानी छूने के साथ ही इस बात को लेकर फिर चर्चा शुरू हो गई है कि इस पानी से नींव को लाभ होगा या नुकसान। हालांकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) इस पानी से नुकसान कम लाभ ज्यादा मान रही है। अधिकारियों का कहना है कि ताजमहल से लगकर हमेशा ही यमुना बहती थी। इसकी नींव को भी जिस लकड़ी से बनाया गया है, वह पानी के पड़ से खराब नहीं होती। ऐसे में फिलहाल उसकी नींव पर इस बार के पानी का क्या असर हुआ, इसका पता निरीक्षण के बाद चलेगा। ताजमहल के वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेई ने बताया कि जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। मुख्यालय से आगे जो भी निर्देश आएंगे, उसके अनुसार कदम उठाया जाएगा।

संरक्षित स्मारकों को सीलन का खतरा

ताजमहल की पिछली दीवार तक यमुना की धारा टकराने लगी है। मंटोला नाला बैक मारने से आगरा किला की खाई में तीन फीट पानी भर गया है। एत्माउद्दौला के पीछे बने 12 कमरे 5 फीट पानी में डूबे हैं। ताज व्यू प्वाइंट तक पानी पहुंच सकता है। यमुना के पानी से संरक्षित स्मारकों में सीलन का खतरा बढ़ गया है।

बढ़ता जा रहा यमुना का जलस्तर

बारिश के बीच बैराजों से छोड़े जा रहे पानी से यमुना का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। बृहस्पतिवार को शहर के दो मोक्षधाम डूब गए। पोइया स्थित मोक्षधाम में चिता जलाने की जगह नहीं मिली। लोगों ने पानी में खड़े होकर अपने परिजन का अंतिम संस्कार किया। वहीं ताजगंज मोक्षधाम का दूसरा प्लेटफाॅर्म भी डूब गया। यमुना खतरे के निशान से ढाई फीट ऊपर बह रही है। अगले तीन दिन और उफान पर रहेगी। ताजमहल की दीवार तक पानी पहुंच गया है।

रास्तों पर भरने लगा पानी

शहर की सीमा में दयालबाग के अमर विहार, राज श्री अपार्टमेंट से लेकर सिकंदरपुर रोड तक रास्ते में पानी भरने लगा है। कैलाश मंदिर की सीढि़या डूब गई हैं। मेहरा नहारगंज में 40 परिवार विस्थापित हुए हैं। मनोहरपुर, खासपुर, जगनपुर से लेकर तनौरा, नूरपुर, विसारना, मोतीमहल, महल बादशाही, कटरा वजीर खां, रामबाग बस्ती, टेढ़ी बगिया के निचले इलाकों से लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं।

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