यूपी में 60 हजार सिपाहियों की भर्ती से जुड़ा नया अपडेट…

उत्तर प्रदेश में 60,244 पदों पर सिपाहियों की सीधी भर्ती के लिए लिखित परीक्षा 23 अगस्त से पांच दिनों में कराई जाएगी। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने 23, 24, 25 अगस्त एवं 30, 31 अगस्त को परीक्षा कराने की घोषणा की है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की वजह से परीक्षा की तारीखों में अंतराल दिया गया है। प्रत्येक दिन परीक्षा दो पालियों में होगी, जिसमें 5 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे। परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थी बस से निशुल्क यात्रा कर सकेंगे।

बीती 17 और 18 फरवरी को सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा का आयोजन हुआ था, जिसका पेपर लीक होने के बाद परीक्षा स्थगित कर दी गयी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छह माह के भीतर दोबारा परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया था। इसके बाद दोबारा परीक्षा कराने का कार्यक्रम घोषित किया गया है।

भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष डीजी राजीव कृष्णा ने बताया कि परीक्षा 19 जून को जारी निर्देशों के तहत केंद्रों का चयन, अभ्यर्थियों का सत्यापन, पेपर लीक, सॉल्वर, नकल आदि रोके जाने संबंधी सभी मानकों के अनुसार होगी।

गड़बड़ी करने वालों पर एक करोड़ तक का जुर्माना
इस बार सिपाही भर्ती परीक्षा नए एंटी पेपर लीक कानून के तहत होगी। अब अगर परीक्षा में किसी भी तरह के अनुचित साधनों का इस्तेमाल, सॉल्वर, पेपर लीक कराने, पेपर लीक की साजिश रचने वालों के खिलाफ नए कानून के तहत कार्रवाई होगी। शासन द्वारा सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों, जैसे प्रश्नपत्र लीक होना, उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ आदि को रोकने के लिए उप्र सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अध्यादेश-2024 बीती 1 जुलाई को अधिसूचित किया गया है।

इसमें प्रावधान है कि परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करना, नकल करना या कराना, प्रश्न पत्र का प्रतिरूपण करना या प्रकट करना या प्रकट करने का षड्यंत्र करना आदि अपराध की श्रेणी में आते हैं, जो दंडनीय है। ऐसे प्रकरणों में एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना और आजीवन कारावास तक की सजा, दोनों ही हो सकती है।

48 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी देंगे परीक्षा
पिछले बार 48,17,442 अभ्यर्थियों ने आवदेन किया था, जिसमें से 43,13,611 ने ही परीक्षा दी थी। डीजी राजीव कृष्णा ने बताया कि पूर्व में हुई परीक्षा का एडमिट कार्ड भरने वाले अभ्यर्थी दोबारा होने वाली परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों का आवंटन नए सिरे से किया जाएगा।

अभ्यर्थियों के लिए निशुल्क बस यात्रा
निशुल्क बस यात्रा का लाभ लेने के लिए अभ्यर्थियों को अपने प्रवेश पत्र की अतिरिक्त दो प्रतियां डाउनलोड करनी होगी। एक प्रति परीक्षा केंद्र के जिले तक की यात्रा एवं दूसरी प्रति परीक्षा के बाद अपने जिले तक की यात्रा के लिए बस कंडक्टर को दिखानी होगी।

1161 सरकारी एवं सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में बनाए गए परीक्षा केंद्र
उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए 1161 परीक्षा केंद्रों का चयन कर लिया है। पेपर लीक से बचने के लिए इस बार परीक्षा केंद्र सरकारी एवं सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में बनाए गये हैं। सभी परीक्षा केंद्रों को जिला मुख्यालय की 10 किमी की परिधि के भीतर बनाया गया है। भर्ती बोर्ड द्वारा अभ्यर्थियों को दोबारा एडमिट कार्ड जारी किया जाएगा। पहले अभ्यर्थियों को जिला आवंटित होगा, तत्पश्चात परीक्षा केंद्र के नाम के साथ एडमिट कार्ड जारी होगा।

भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष डीजी राजीव कृष्णा ने बताया कि पूर्व की तरह इस बार भी परीक्षा ऑफलाइन तरीके से आयोजित होगी, जिसमें ओएमआर शीट पर सवालों के जवाब देने होंगे। पांच दिन में दस पालियों में आयोजित होने वाली परीक्षा का प्रश्न पत्र भी अलग-अलग होगा।

उन्होंने बताया कि सभी जिलों के डीएम और पुलिस कप्तानों को परीक्षा की तैयारियों के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। परीक्षा संबंधी कार्यों के लिए पूरी गोपनीयता बरतते हुए अलग-अलग वेंडर का भी चयन कर लिया गया है। परीक्षा की शुचिता के लिहाज से परीक्षा केंद्रों के मानकों में भी जून माह में कार्मिक विभाग द्वारा जारी शासनादेश के मुताबिक अहम बदलाव किए गए हैं।

उन्होंने साफ किया कि परीक्षा में केवल वहीं अभ्यर्थी हिस्सा ले सकेंगे, जिन्होंने पिछली बार आवेदन किया था। किसी भी सूरत में नया आवेदन स्वीकार नहीं होगा। परीक्षा में फूलप्रूफ सुरक्षा इंतजामों के लिए कई सरकारी एजेंसियों की मदद ली जाएगी। पेपर लीक एवं सॉल्वर गैंग पर नजर रखने की जिम्मेदारी एसटीएफ को दी जाएगी। उन्होंने बताया कि फरवरी में आयोजित परीक्षा के दौरान आयु सीमा में दी गयी छूट का लाभ इस बार भी मिलेगा।

डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति ने चयनित किए परीक्षा केंद्र
जून में जारी शासनादेश के मुताबिक डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा परीक्षा केंद्रों का चयन किया गया है। समिति में जिला प्रशासन, पुलिस, शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल हैं। परीक्षा केंद्रों के चयन से पूर्व स्थानीय अभिसूचना इकाई की रिपोर्ट और एसटीएफ से फीडबैक भी लिया गया है।

शासन के नियमों के मुताबिक श्रेणी एक के परीक्षा केंद्रों के तहत राजकीय विद्यालय, राजकीय डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलीटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज और मेडिकल कॉलेज में से चयन किया गया है।

वहीं श्रेणी बी के केंद्रों में राज्य सरकार से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों को शामिल किया गया है, जो पूर्व में संदिग्ध अथवा काली सूची में न रहे हों। साथ ही परीक्षा केंद्रों के निर्धारण के दौरान उनके द्वारा बीते तीन वर्ष के दौरान कराई गयीं परीक्षाओं का अनुभव, सीसीटीवी की अनिवार्यता, मार्ग, यातायात साधनों की स्थिति समेत तमाम संसाधनों की उपलब्धता का भी ध्यान रखा गया है।

हर काम के लिए अलग वेंडर
बता दें कि शासनादेश के मुताबिक भर्ती बोर्ड ने परीक्षा संबंधी हर कार्य के लिए अलग वेंडर चयनित किया है। उदाहरण के तौर पर एजेंसी ”ए” प्रश्न पत्रों को तैया कराने, छपवाने, जिलों के कोषागार तक भेजने का कार्य करेगी। इसी तरह एजेंसी ”बी” परीक्षा संपन्न कराएगी।

जिसमें प्रश्न पत्रों को कोषागार से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाना, परीक्षा केंद्र की समस्त व्यवस्था तथा परीक्षा समाप्ति के बाद ओएमआर शीट को बोर्ड तक पहुंचाना शामिल है।
वहीं एजेंसी ”सी” परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा का कार्य जैसे सिक्योरिटी, फ्रिस्किंग, बायोमेट्रिक कैप्चर, सीसीटीवी कंट्रोल रूम की स्थाना का कार्य करेगी। एजेंसी ”डी” का कार्य बोर्ड परिसर में ओएमआर शीट की स्कैनिंग कराकर परीक्षा का स्कोर बोर्ड का उपलब्ध कराना होगा।

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