राजस्थान: समरावता केस में सरकारी वकील ने जज को दिखाया घटना का वीडियो

विधानसभा उपचुनावों के दौरान समरावता गांव में हुई हिंसा मामले में मुख्य आरोपी नरेश मीणा की जमानत याचिका पर कल राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों द्वारा पेश की गई दलीलों के बाद कोर्ट ने एक सप्ताह के लिए सुनवाई टाल दी है।

समरावता हिंसा मामले में शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट में मुख्य आरोपी नरेश मीणा की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश चौधरी ने कोर्ट में घटना के दिन का वीडियो पेश किया, जिसमें नरेश मीणा लोगों से लाठी-डंडे लेकर समरावता पहुंचने का आह्वान करते नजर आ रहे हैं।

सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि नरेश मीणा के उकसावे पर ही यह घटना हुई और चार्जशीट में वीडियो फुटेज भी प्रस्तुत किए गए हैं। सुनवाई के दौरान वीडियो को कोर्ट में चलाया गया।

नरेश मीणा के वकील ने किया बचाव
मामले में नरेश मीणा के वकील फतेहराम मीणा ने दलील दी कि सह अभियुक्तों को पहले ही जमानत मिल चुकी है और हिंसा के समय नरेश पुलिस हिरासत में था। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन नरेश को जेल में रखने की साजिश कर रहा है।

चार एफआईआर का उल्लेख
वकील ने बताया कि नरेश पर कुल चार एफआईआर दर्ज की गई हैं। पहली एफआईआर एसडीएम की शिकायत पर दर्ज की गई है, जिसमें ईवीएम से छेड़छाड़ और मारपीट का आरोप है। दूसरी एफआईआर में उस पर आगजनी का आरोप लगाया गया है। इन दोनों मामलों में नरेश को गिरफ्तार किया गया है।

तीसरी एफआईआर हाईवे जाम करने और चौथी एफआईआर रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप में दर्ज की गई है। इन दो मामलों में अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। वकील ने आशंका जताई कि यदि नरेश को जमानत मिलती है, तो पुलिस उसकी रिहाई रोकने के लिए नई गिरफ्तारी कर सकती है।

एक हफ्ते के लिए टली सुनवाई
कोर्ट ने मामले की सुनवाई फिलहाल एक सप्ताह के लिए टाल दी है। न्यायालय ने कहा कि जमानत याचिका पर सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जाएगा।

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