राजस्थान: SIR के ऐलान पर गरमाई सियासत

राजस्थान में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया का ऐलान होने के साथ ही सियासत में उबाल आ गया है। राज्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने ऐलान किया है कि प्रदेश में 28 अक्टूबर 2025 से 7 फरवरी 2026 तक SIR चलेगी। इधर प्रदेश के SIR का ऐलान होने के साथ ही कांग्रेस ने इस प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सबसे पहले मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि करीब 20 साल पहले भी SIR प्रक्रिया हुई पर तब कोई विरोध नहीं हुआ। अब चुनाव आयोग ने ही ऐसा माहौल बना दिया जिससे आमजन के मन में शक पैदा हुआ है। जब SIR की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है तो 12 राज्यों में SIR पर आगे बढ़ना उचित नहीं लगता है। भारत में संविधान लागू होने के बाद पहले दिन से सभी को मताधिकार दिया गया। अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में महिलाओं एवं अश्वेतों को मताधिकार मिलने में दशकों लग गए। SIR से जनता के मन में मताधिकार छीने जाने की आशंका पनप गई है।
SIR के बहाने पंचायत, निकाय चुनाव नहीं करवाएगी सरकार- डोटासरा
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी इसे लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा- भाजपा चाहे जितनी साजिशें रच ले… लेकिन जनता अपने वोट से और लोकतंत्र से इनको करारा जवाब देगी! राजस्थान में SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) प्रक्रिया लागू करने का निर्णय लोकतांत्रिक अधिकारों पर सीधा प्रहार है। मतदाता सूची में सुधार के नाम पर दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के वोट काटने की साजिश है। दरअसल भाजपा को पंचायत और निकाय चुनावों में हार का डर सता रहा है, इसलिए कभी “एक राज्य, एक चुनाव” तो अब SIR की आड़ में चुनाव टालकर ग़रीबों का वोट छीनने का काम कर रहे हैं। वोटर लिस्ट फ्रीज हो जाएंगी एवं अगले साल 7 फरवरी तक फाइनल वोटर लिस्ट का पब्लिकेशन होगा, पूरी मशीनरी SIR में लगी रहेगी और इस दौरान OBC की गणना भी नहीं हो पाएगी। यानी स्पष्ट है कि सरकार की मंशा अनुरूप पंचायत व निकाय चुनाव अगले साल बजट के बाद मई-जून तक नहीं होंगे, जिसका विरोध कांग्रेस पार्टी लगातार कर रही है। 5 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के पश्चात चुनाव नहीं करवाना संविधान की खुली अवहेलना है।
कब से शुरू होगी SIR
28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक प्रशिक्षण एवं गणना प्रपत्र मुद्रण का कार्य होगा। 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक घर-घर गणना प्रपत्र वितरित और संग्रहित किए जाएंगे। 9 दिसंबर को मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशित होगा, 9 दिसंबर से 8 जनवरी तक दावे और आपत्तियां ली जाएंगी, 9 दिसंबर से 31 जनवरी तक नोटिस फेज में सुनवाई और सत्यापन किया जाएगा। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित होगी। राज्य में वर्तमान मतदाता सूची के अनुसार कुल 5.48 करोड़ मतदाता हैं। इनमें 40 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 2.61 करोड़ मतदाताओं की मैपिंग 77% पूरी हो चुकी है। 40 वर्ष से कम आयु के 2.88 करोड़ मतदाताओं की मैपिंग प्रगति पर है। 52,469 बूथ लेवल अधिकारी (BLO) गणना प्रपत्र भरवाएंगे।
CEO महाजन ने बताया कि सभी संभागीय आयुक्त, जिला निर्वाचन अधिकारी और रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। इसमें मतदान केंद्रों का पुनर्गठन, BLO और पर्यवेक्षकों का प्रशिक्षण, राजनीतिक दलों को सूचना, मीडिया प्रबंधन, ऑनलाइन प्रपत्र भरने को बढ़ावा और IEC सामग्री के प्रकाशन पर जोर दिया गया है।
बीएलओ, स्वयंसेवकों और हेल्पडेस्क कार्मिकों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है, जल्द रिफ्रेशर सत्र आयोजित होंगे। राजनीतिक दलों को प्रक्रिया से अवगत कराया जाएगा और निष्पक्षता सुनिश्चित की जाएगी। जिला स्तर पर मीडिया सेल बनाए गए हैं, केवल DEO अधिकृत प्रवक्ता होंगे।



