रोडवेज परिचालक का कारनामा: रुपये लेकर बिना टिकट जारी किए कराई सवारियों को यात्रा

जांच में बस में चार यात्री दिल्ली से जालंधर के लिए बिना टिकट यात्रा करते हुए पाए गए। इस बारे में जब उड़नदस्ते ने परिचालक मनोज कुमार से पूछा तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। न ही परिचालक द्वारा इन्हें टिकट जारी किए हुए थे।

रोडवेज के करनाल डिपो के परिचालक द्वारा विभाग को चपत लगाने का मामला सामने आया है। परिचालक ने सवारियों से रुपये लेकर उन्हें टिकट जारी नहीं किए और यात्रा करवाता रहा।

गन्नौर के पास जब उड़नदस्ते ने जांच की तो चोरी पकड़ी गई। इसके बाद निरीक्षण स्टॉफ को आरोपी परिचालक ने अनपंच टिकट थमा दी। करनाल रोडवेज के जीएम की शिकायत पर सिटी थाना पुलिस ने परिचालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

पुलिस को दी शिकायत में रोडवेज के जीएम कुलदीप ने बताया कि करनाल डिपो के परिचालक मनोज कुमार बस नंबर एचआर 45 जीवी 4597 पर कार्यरत है। यह बस करनाल से दिल्ली और दिल्ली से जालंधर मार्ग पर चलती है। जालंधर में ही बस का नाइट स्टे होता है।

दो मार्च को बस जब दिल्ली से आते हुए गन्नौर के पास पहुंची तो यहां परिवहन विभाग हरियाणा आईएसबीटी दिल्ली के निरीक्षण स्टॉफ के उड़नदस्ते ने बस को रुकवाया और जांच की। इस दौरान जांच में बस में चार यात्री दिल्ली से जालंधर के लिए बिना टिकट यात्रा करते हुए पाए गए। इस बारे में जब उड़नदस्ते ने परिचालक मनोज कुमार से पूछा तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। न ही परिचालक द्वारा इन्हें टिकट जारी किए हुए थे।

उन्होंने कहा कि यदि बस की जांच नहीं होती तो परिचालक यात्रियों से गंतव्य स्थान पर पहुंचकर 2040 रुपये लेकर सरकारी धनराशि का गबन कर लेता। उन्होंने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है।

दबाव बढ़ा तो दी अनपंच टिकटें
पूछताछ के दौरान यात्रियों ने जांच टीम को बताया कि उन्होंने परिचालक से टिकट देने के लिए कहा था लेकिन परिचालक ने उन्हें कहा कि अभी रुको बाद में टिकट दे दूंगा। इस बारे में जांच टीम को यात्रियों ने लिखित में भी दिया है। बाद में परिचालक ने अपनी गलती मानते हुए निरीक्षण स्टाफ को सबूत के तौर पर अनपंच टिकटें (10/के-22 733593 से 733596, 50/बी-23 569530 से 569569) दे दी।

स्टाफ निदेशक राज्य परिवहन हरियाणा के आदेशानुसार, यदि कोई कर्मचारी 2000 रुपये से अधिक की सरकारी धनराशि में हेराफेरी करता है तो यह गबन की श्रेणी में आया जाता है। विभागीय नियमों के अनुसार, उसके खिलाफ केस दर्ज करना अनिवार्य है। इसी नियम के तहत जीएम रोडवेज ने कार्रवाई के लिए पुलिस को शिकायत दी है।

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