विजयपुर उपचुनाव: सिंधिया बोले- प्रचार के लिए नहीं बुलाया, भाजपा MLA बोले- कई बार आमंत्रित किया
विजयपुर उपचुनाव में वन मंत्री रामनिवास रावत की हार के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रचार करने नहीं जाने को लेकर सवाल खड़ हो रहे है। इस पर सिंधिया ने कहा कि उनको प्रचार करने ही नहीं बुलाया गया है। इस पर भाजपा विधायक भगवानदास सबनानी ने कहा कि उनको कई बार आमंत्रित किया गया, लेकिन वह प्रचार करने नहीं आए।
विजयपुर उपचुनाव में मिली हार को लेकर भाजपा में अंदरूनी विवाद गहरा गया है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हार के बाद यह बयान दिया था कि अगर उन्हें प्रचार के लिए बुलाया जाता, तो वह जरूर आते। लेकिन इस पर भाजपा विधायक भगवान दास सबनानी ने पलटवार करते हुए सिंधिया के बयान को झूठा करार दिया है। उनका कहना है कि सिंधिया को कई बार आमंत्रित किया गया था, लेकिन व्यस्तता के कारण उन्होंने विजयपुर जाने से मना कर दिया।
सिंधिया के बयान पर भाजपा विधायक का तीखा जवाब
भोपाल दक्षिण पश्चिम के भाजपा विधायक भगवान दास सबनानी ने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और संगठन महामंत्री ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से विजयपुर आने का आग्रह किया था। इसके बावजूद, वह व्यस्तता का हवाला देकर नहीं आए। उन्होंने यह भी कहा कि सिंधिया का नाम स्टार प्रचारकों की सूची में था, लेकिन उन्होंने कई बार आग्रह करने के बाद भी प्रचार में हिस्सा नहीं लिया।
सिंधिया ने यह दिया थ्गा बयान- अगर मुझे बुलाया जाता, तो जरूर जाता
सिंधिया ने ग्वालियर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए विजयपुर उपचुनाव की हार पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था, “यह हार चिंताजनक है, लेकिन मतों में बढ़ोतरी भी हुई है। अगर मुझे प्रचार के लिए बुलाया जाता, तो मैं जरूर जाता।” सिंधिया का यह बयान पार्टी के भीतर एक नए विवाद को जन्म दे सकता है, क्योंकि उनके बयान और भाजपा विधायक के आरोपों के बीच बेमेल तस्वीर उभर रही है।
रावत को कांग्रेस के मुकेश मल्होत्रा ने चुनाव हराया
बता दें उपचुनाव में हार के बाद पहली बार भोपाल भाजपा कार्यालय पहुंचे रामनिवास रावत ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव प्रचारनहीं करने को लेकर पूछे सवाल पर कहा था कि यह सवाल संगठन और ज्योतिरादित्य सिंधिया से पूछना चाहिए कि वह चुनाव प्रचार करने क्यों नहीं आए। लोकसभा चुनाव के समय रावत कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए थे। उनको भाजपा ने वन मंत्री बनाया था। रावत को कांग्रेस के मुकेश मल्होत्रा ने चुनाव हरा दिया था।