विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एमपॉक्स की दूसरी वैक्सीन को दी मंजूरी

डब्ल्यूएचओ की ईयूएल एजेंसी ही दुनिया भर के देशों के में वितरण के लिए वैक्सीन को जल्दी से मंजूरी देने और आयात करने का काम करती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने मंगलवार को जापानी फार्मा कंपनी केएम बायोलॉजिक्स की एमपॉक्स वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन से मंजूरी पाने वाली यह दूसरी वैक्सीन है। डब्लूएचओ ने कहा कि उन्होंने इमरजेंसी यूज लिस्टिंग (EUL) के तहत एमपॉक्स की वैक्सीन LC16m8 को मंजूरी दी है। अब इस वैक्सीन को उन जगहों पर इस्तेमाल किया जा सकेगा, जहां एमपॉक्स का प्रकोप बढ़ेगा।

सितंबर में भी एक वैक्सीन को दी थी मंजूरी

डब्ल्यूएचओ की ईयूएल एजेंसी ही दुनिया भर के देशों के में वितरण के लिए वैक्सीन को जल्दी से मंजूरी देने और आयात करने का काम करती है। डब्ल्यूएचओ ने सितंबर में भी एमपॉक्स के खिलाफ एक और वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। यह वैक्सीन बवेरियन-नॉर्डिक कंपनी की एमवीए-बीएन थी। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने 14 अगस्त को ही डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में एमपॉक्स के नए क्लेड 1बी स्ट्रेन के मामलों में वृद्धि पर चिंता जाहिर की थी और एमपॉक्स पर नया अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया था।

अफ्रीकी देश कांगो में सबसे ज्यादा एमपॉक्स के मामले मिले

एमपॉक्स वायरस का संक्रमण इस साल दुनिया के 80 देशों में रिपोर्ट किया गया है, इनमें से 19 देश अफ्रीका के हैं। हालांकि डीआर कांगो सबसे ज्यादा प्रभावित देश है, जहां इस साल अब तक एमपॉक्स संक्रमण के 39 हजार से ज्यादा संदिग्ध मामले दर्ज किए गए हैं और 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। जापान की सरकार ने कांगो को नई स्वीकृत वैक्सीन की 30 लाख डोज दान देने का एलान किया है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि गर्भवती महिलाओं और ज्यादा कमजोर इम्युनिटी वाले मरीजों को नई वैक्सीन नहीं लगाई जानी चाहिए। वैक्सीन से लोगों को बुखार, मांसपेशियों में दर्द और त्वचा में संक्रमण जैसी परेशानी हो सकती है।

Related Articles

Back to top button