साफ हवा और हरियाली के लिए डीडीए की 16 नई परियोजनाएं

दिल्लीवासियों की ताजगी भरी सांसों के लिए डीडीए ने 16 नई परियोजनाएं शुरू की हैं। बड़े पैमाने पर सड़कों, सेंट्रल वर्ज, पार्कों और खाली मैदानों को अच्छी क्वालिटी के पौधों और घास से हराभरा किया जाएगा। यह कदम दिल्ली के लिए महत्वपूर्ण है जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) अक्सर खराब रहता है। निश्चित रूप से ज्यादा पेड़-पौधे कार्बन सोखेंगे और हवा साफ करेंगे। फूलों से भरे पार्कों में घूमकर लोग तनाव दूर करेंगे। ये योजनाएं जल्द शुरू होंगी।

सभी परियोजनाएं दिल्ली के दक्षिण, केंद्र और उत्तर-पूर्वी हिस्से पर केंद्रित हैं। कालकाजी, तेहखंड, पुराना किला, अंबेडकर पार्क, नंद नगरी, शास्त्री पार्क से लेकर मंडोली तक फैली हैं। इनमें पौधे लगाने के लिए नदी की मिट्टी, नई किस्म के पौधे, घास और यमुना रेत की सप्लाई होगी। कई पार्कों का रखरखाव किया जाएगा। इससे दिल्ली ग्रीन सिटी बनेगी और शहरवासियों को बेहतर जीवनशैली मिलेगी। इन योजनाओं पर 19.87 करोड़ रुपये खर्च होंगे। डीडीए के हॉर्टिकल्चर विभाग ने ई-टेंडर जारी कर दिए हैं। टेंडर की बोलियां 24 सितंबर को खुलेंगी और तुरंत काम शुरू हो जाएगा।

इन इलाकों में बिछेगी हरियाली की चादर : पहली परियोजना कालकाजी के लिए है जिसमें पौधे लगाने के लिए मिट्टी व पौधों की सप्लाई होगी। इसकी लागत 29.64 लाख रुपये रखी गई है। दूसरी में इंद्रप्रस्थ पार्क के पास नेशनल स्टेडियम और सराय काले खां के ग्रीनवे के लिए 24.17 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। तीसरी के तहत आंबेडकर पार्क और पुराना किला के पास हरियाली के लिए 15.50 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। चौथी में तेहखंड फेज-1 में डीईएसयू सब स्टेशन के पास 59 लाख रुपये से हरियाली विकसित की जाएगी।

पांचवीं परियोजना आंबेडकर पार्क के पास की है, जिसकी लागत 24.17 लाख रुपये तय है। छठी आशा किरण के पास है जिसकी लागत 15.50 लाख रुपये है। सातवीं परियोजना में एमबी रोड के बीच 3.32 लाख रुपये से हरियाली विकसित की जाएगी। आठवीं के तहत जेपी सिटी फॉरेस्ट के चिल्ड्रन पार्क के लिए 21.31 लाख रुपये खर्च होंगे। सभी परियोजनाओं में अच्छी क्वालिटी की मिट्टी, यमुना की रेत, नीम की खली, गमले, पौधे और घास की सप्लाई होगी। डीडीए के अधिकारियों ने बताया कि ये सामग्री पार्कों को लंबे समय तक हरा-भरा रखने में मदद करेगी। सभी कार्य दो माह में पूरे किए जाएंगे।

सिंचाई और रखरखाव 15वीं परियोजना सिंचाई के लिए पानी टैंकर की व्यवस्था करने के लिए है जिसकी लागत 27.82 लाख रुपये रखी गई है। 16वीं परियोजना साइटों पर टैंकर से सिंचाई करने के लिए है जिसकी लागत 7.90 करोड़ रुपये है। ये सारे काम 300 दिनों में पूरे किए जाएंगे। डीडीए के अधिकारियों का कहना है कि सूखे मौसम में सिंचाई सबसे बड़ी चुनौती है इसलिए टैंकरों पर फोकस किया गया है।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली की हरियाली पर होगा काम
नौवीं परियोजना बवाना के तहत औद्योगिक क्षेत्रों व ग्रामीण बस्तियों में हरियाली के लिए काम किया जाएगा। इस परियोजना पर 8.77 लाख रुपये खर्च होंगे। दसवीं परियोजना जीटी रोड के सेंट्रल वर्ज के रखरखाव के लिए है। इसकी लागत 24.04 लाख रुपये रखी गई है। ग्यारहवीं परियोजना शास्त्री पार्क जेपीसी अस्पताल, सीएनजी पंप और सर्वोदय विद्यालय में हरियाली बढ़ाने के लिए है। इस पर 20.20 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। बारहवीं परियोजना के तहत मंडोली रोड के सेंट्रल वर्ज पर हरियाली बढ़ाने के लिए 20.25 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। 13वीं परियोजना में नंद नगरी के डिस्ट्रिक्ट पार्क फेज-1 में सुधार कार्य के लिए 47.20 लाख रुपये खर्च होंगे। चौदहवीं परियोजना नंद नगरी फेज-2 डिस्ट्रिक्ट पार्क के लिए है जिसकी लागत 8.56 करोड़ रुपये रखी गई है। इसमें कई बड़े पार्कों में बड़े बदलाव दिखेंगे जहां लोग पिकनिक मना सकेंगे या योग कर सकेंगे।

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