सिंहस्थ-2028 की तैयारियां तेज: 2675 करोड़ के 33 कार्यों को मंजूरी, सीएम बोले…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सिंहस्थ की तैयारियों को लेकर मंत्रिमंडलीय समिति की मंत्रालय में मंगलवार को बैठक हुई। इसमें सिंहस्थ-2028 की तैयारियों की समीक्षाकी गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि सिंहस्थ-2028 से जुड़े सभी निर्माण एवं विकास कार्य दिसम्बर 2027 तक अनिवार्य रूप से पूर्ण कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि यह महापर्व करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ा है, इसलिए प्रत्येक कार्य समयबद्ध और उच्च गुणवत्ता का होना चाहिए। डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028 न सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से, बल्कि प्रदेश की पहचान और गौरव का प्रतीक है। इस महापर्व को विश्वस्तरीय आयोजन बनाने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

उज्जैन सहित खण्डवा, मंदसौर और खरगोन में भी होंगे कार्य
बैठक में कुल 2675 करोड़ रूपए लागत के 33 कार्य स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किए गए। इनमें 25 कार्य उज्जैन, 3 खण्डवा, 2 मंदसौर और 3 खरगोन में होने हैं। इनमें नगरीयविकास एवं आवास विभाग के 21, लोक निर्माण के 6, रेलवे के 2 एवं पर्यटन, गृह, एमपीआरडीसी और जल संसाधन विभाग के एक-एक कार्य शामिल हैं।

उज्जैन को सात जोन में बांटकर होगी व्यवस्थाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण कार्यों में स्थानीय निवासियों को सहभागी बनाया जाए और उनकी राय का सम्मान किया जाए। सिंहस्थ अवधि में भीड़ प्रबंधन, आवागमन, पार्किंग और पदयात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही, कचरा प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग अनिवार्य होगा। उज्जैन को सात जोन में बांटकर पेयजल, स्वच्छता, यातायात, कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य जैसी व्यवस्थाएं सुदृढ़ की जाएंगी।

12 किमी 6 लेन मार्ग सभी घाटों को जोड़ेगा
बैठक में यातायात सुगम बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सड़कों और मार्गों को मंजूरी दी गई। 194 करोड़ रुपये की लागत से 12 किलोमीटर लंबा 6-लेन मार्ग (एमआर-22) सभी घाटों को जोड़ेगा और सिंहस्थ के दौरान इसका बस रैपिट ट्रांजिट के रूप में उपयोग किया जा सकेगा। 36.59 करोड़ रुपये से बड़नगर रोड के विकल्प के रूप में नईखेड़ी मार्ग विकसित होगा। महाकाल मंदिर, रामघाट और अन्य प्रमुख स्थलों तक पहुंच आसान करने के लिए कई फोरलेन और सिक्स लेन मार्ग स्वीकृत किए गए। कर्कराज पार्किंग, भैरवगढ़ जेल चौराहा, जूना सोमवारिया मार्ग, अंकपात चौराहा सहित कई स्थानों पर चौड़ीकरण और वैकल्पिक मार्ग तैयार होंगे।

फोरलेन सड़क से ट्रैफिक कंजेशन में कमी आएगी
लगभग 3 किलोमीटर लंबे 36.59 करोड़ रूपए लागत के इस फोरलेन मार्ग से सिंहस्थ बायपास से शंकराचार्य चौराहे तक के ट्रैफिक कंजेशन में कमी आएगी। इसी प्रकार इंदौर उज्जैन रोड से क्षिप्रा नदी के पश्चिम भाग को जोड़ने के लिए शनि मंदिर से जीवनखेड़ी रोड, इंदौर रोड से आने वाले श्रद्धालुओं को त्रिवेणी घाट और शनि मंदिर तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक मार्ग के रूप में उपयोग किए जाने वाले शांतिधाम चौराहा से शनि मंदिर रोड और महाकाल मंदिर को रामघाट से सीधे जोड़ने व महाकाल आने वालों को चौड़ा मार्ग उपलब्ध कराने के लिए महाराज वाडा चौराहा से हरसिद्धि मंदिर चौराहा क्षिप्रा नदी तक के रोड को समिति ने अनुमोदन प्रदान किया।

9 किलोमीटर लंबे घाटों का उन्नयन होगा
क्षिप्रा नदी पर लगभग 122 करोड़ रुपये की लागत से 9 किलोमीटर लंबे घाटों का उन्नयन होगा। मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर के लिए घाट और सौंदर्यीकरण कार्य को 12 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। इसके साथ ही ग्रांड होटल परिसर को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने के उद्देश्य से अधिकारियों और स्टाफ क्वार्टर निर्माण तथा शहर के प्रमुख मार्गों के सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित परिवारों के लिए पंवासा में भूखंड आवंटन के लिए अधोसंरचना विकास के उद्देश्य से आवश्यक अधोसंरचना सुविधाएं विकसित करने के लिए 10 करोड़ 34 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई।

पर्यटन विभाग को सौंपा जाएगा ग्रांड होटल परिसर
ग्रांड होटल परिसर को पर्यटन विभाग को सौंपने का निर्णय लिया गया है। उज्जैन रेलवे स्टेशन और नईखेड़ी स्टेशन की कनेक्टिविटी को लेकर विशेष दिशा-निर्देश दिए गए। प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए पंवासा में भूखंड आवंटन हेतु 10.34 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई।

महेश्वर में अहिल्या लोक लेगा आकार
ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं के लिए 48 करोड़ रुपये की लागत से नया पुल बनेगा। साथ ही मंदिर परिसर और प्रतीक्षालय का विकास किया जाएगा। महेश्वर में “अहिल्या लोक” परियोजना के लिए 110 करोड़ रुपये तथा धामनोद से बड़वाह तक 62 किलोमीटर सड़क चौड़ीकरण के लिए 1441 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। महेश्वर खरगोन में नर्मदा घाट पर रैलिंग कार्य को भी स्वीकृति प्रदान की गई।

ओंकारेश्वर में झूला पुल के समांतर होगा नए पुल का निर्माण
बैठक में ओंकारेश्वर (खण्डवा जिला) में श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए 48 करोड़ 37 लाख रूपए की लागत से वर्तमान झूला पुल के समांतर एक नए पुल के निर्माण तथा मुख्य मंदिर के विकास कार्य, पुराने पुल से मंदिर तक रास्ते के समांतर एक अतिरिक्त पुल व नया प्रतीक्षालय निर्माण के लिए 60 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के शिवना नदी में स्नान और पूजन के लिए घाट निर्माण और सौन्दर्यीकरण कार्य के लिए 12 करोड़ 32 लाख रूपए की स्वीकृति भी प्रदान की गई। मंदसौर में ही महू-नीमच रोड से अंबेडकर चौराहा से कास्तकार रेस्टोरेंट होते हुए पशुपतिनाथ मंदिर तक 2 लेन रोड को स्वीकृति प्रदान की गई।

क्षिप्रा नदी में जल निरंतर प्रवाह योजना पर हुई चर्चा
कैबिनेट समिति ने जल संसाधन विभाग के अंतर्गत कान्ह नदी डायवर्शन, क्षिप्रा व कान्ह नदी पर बन रहे बैराजों तथा सिंहस्थ के लिए क्षिप्रा नदी में जल निरंतर प्रवाह योजना के अंतर्गत जारी कार्यों की भी समीक्षा की। इसके साथ ही ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युत प्रदाय के लिए की जा रही व्यवस्था, लोक निर्माण विभाग के अन्य निर्माण कार्यों, संस्कृति विभाग द्वारा उज्जैन स्थित वीर दुर्गादास जी की छत्री के विकास एवं अनुरक्षण कार्य, लालबाग पैलेस परिसर इंदौर के उन्नयन, ममलेश्वर मंदिर ओंकारेश्वर के विकास कार्यों और पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटक सुविधा केन्द्रों, ओंकार सर्किट के विकास सहित अन्य कार्यों की भी समीक्षा की। बैठक में गृह विभाग, नगरीय विकास एवं आवासविभाग द्वारा कराए जा रहे कार्यों की भी जानकारी प्रस्तुत की गई।

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