सिर्फ जोड़ों का दर्द ही नहीं, दिल की बीमारी का कारण भी बन सकता है गठिया
अर्थराइटिस, जिसे आमतौर पर गठिया के नाम से जाना जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें जोड़ों में सूजन और दर्द होता है। इसलिए इस बीमारी की वजह से रोजमर्रा के काम करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि, गठिया को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन सही लाइफस्टाइल की मदद से इसे मैनेज कर सकते हैं। इससे जुड़ी इन्हीं जरूरी बातों के बारे में लोगों को जागरूक बनाने और इसके मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया करवाने के लिए हर साल 12 अक्टूबर को वर्ल्ड अर्थराइटिस डे (World Arthritis Day) मनाया जाता है।
अर्थराइटिस (Arthritis) आमतौर पर जोड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ प्रकार के गठिया दिल की बीमारियों (Heart Disease) की वजह भी बन सकते हैं। आज यहां हम इसी बारे में जानने की कोशिश करेंगे कि कैसे अर्थराइटिस दिल को प्रभावित करता है।
क्या गठिया पहुंचा सकता है दिल को नुकसान?
डॉ. हेमंत शर्मा (मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, गुरुग्राम के ऑर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेस्मेंट विभाग के चेयरमैन) ने इस बारे में बताया कि रूमेटॉइड अर्थराइटिस और सोराइटिक अर्थराइटिस दिल की बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। गठिया के इन प्रकारों में शरीर में सूजन होने लगती है, जिससे जोड़ों के साथ-साथ धमनियों को भी नुकसान पहुंचता है। इसलिए इसके कारण हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
आपको बता दें कि दिल की बीमारियों का सबसे प्रमुख कारण एथिरोस्क्लेरोसिस यानी धमनियों का सख्त होना, सूजन की वजह से तेजी से बढ़ सकता है। जो बदले में कोलेस्ट्रॉल को जमाव को बढ़ाता है। धमनियों को नुकसान और कोलेस्ट्रॉल जमा होने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है। हाई ब्लड प्रेशर हार्ट डिजीज की प्रमुख वजहों में से एक है।
कैसे कर सकते हैं इससे बचाव?
डॉ. शर्मा बताते हैं कि गठिया के मरीजों को नियमित रूप से दवा और डॉक्टर से सलाह लेते रहना चाहिए, ताकि सूजन और हार्ट से जुड़ी परेशानियों को मैनेज किया जा सके। गठिया को मैनेज करने के लिए लाइफस्टाइल में सुधार करना भी जरूरी है।
डाइट में फल, सब्जिया, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन को डाइट में शामिल करना चाहिए, ताकि कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिल सके। इसके साथ ही, नियमित एक्सरसाइज करना भी जरूरी है। एक्सरसाइज करने से सूजन कम होती है और दिल भी स्वस्थ रहता है। इनके अलावा, स्मोकिंग न करना, तनाव मैनेज करना और ब्लड प्रेशर व ब्लड शुगर को नियंत्रित करना जरूरी है।
सोराइटिक अर्थराइटिस और रूमाटॉइड अर्थराइटिस के मरीजों के लिए हार्ट हेल्थ की नियमत जांच करवाना जरूरी है। इससे किसी परेशानी का जल्दी पता लगाने और बेहतर इलाज में मदद मिल सकती है। गठिया के मरीजों में दिल की बीमारी के जोखिम को कम करने के लिए डॉक्टर से नियमित सलाह और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना जरूरी है।