सीएम मोहन बोले- किसानों की समृद्धि के लिए होगा कृषि उद्योग मेलों का आयोजन, गो-पालन को मिलेगा प्रोत्साहन!

यह मेले रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और इन्वेस्टर समिट की तर्ज पर आयोजित किए जाएंगे। तीन मई को मालवा में पहला मेला लगेगा, उसके बाद दमोह और जबलपुर में आयोजन होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव, इन्वेस्टर मीट समिट की तर्ज पर कृषि उद्योग मेलों का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव गुरुवार को सागर जिले के गढ़ाकोटा में आयोजित कन्यादान विवाह कार्यक्रम में पहुंचे थे। उन्होंने मंच से दिए अपने उद्बोधन में कहा कि किसान भाई हमारे देश प्रदेश की शान हैं। हम उनकी आय को बढ़ाने और उन्हें समृद्ध बनाने के लिए कृषि उद्योग मेला लगा रहे हैं। इसके लिए प्रदेश के सभी जोनों में उद्योग मेला लगाएंगे।
उन्हाेंने बताया कि आने वाले 3 मई को मालवा में कृषि उद्योग मेला लग रहा है। उसके बाद बुंदेलखंड के दमोह में, महाकौशल के जबलपुर मे कृषि उद्योग मेला लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक किसान की फ़सल ठीक से हो फ़सल का दाम भी ठीक से मिले और फ़सल आधारित उद्योगों के बलबूते पर चाहे वह फ़सल में सब्ज़ियां पैदा करें, बाग लगाएं, अन्य प्रकार की खेती किसानी के कामों के साथ साथ मछली पालन से लेकर सब प्रकार से अपने जीवन में सामर्थ्यशाली बने। किसान आर्थिक रूप से समर्थ बने ऐसे ही कामों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश के किसान, युवा, महिला सबके जीवन की बेहतरी के लिए हम काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार गांव-गांव में गो-पालन को भी बढ़ावा दे रही है। हमारे लिए गाय माता, गोपालन का महत्व है। उसी प्रकार से दूध उत्पादन का भी महत्व है। इसके लिए सरकार ने अभियान चलाया है। वर्तमान में मध्यप्रदेश देश में तीसरे नंबर का राज्य है जो अपना दूध का उत्पादन कर रहा है। आने वाले समय में अभी जो 9 प्रतिशत दूध उत्पादन हो रहा है उसे 20 प्रतिशत ले जाने का लक्ष्य है। अर्थात हमारा राज्य देश में एक नंबर पर स्थापित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में गो-पालन पर भी अनुदान दिया जाएगा और गाय का दूध पहले लोग खरीदते नहीं थे। हमारी सरकार ने तय किया गाय का दूध भी उनके उचित मूल्य देकर के खरीदने का काम सरकार के द्वारा किया जाएगा।